Jabalpur News: तीन साल में 999 आरोपितों को कोर्ट से सजा, 35 सौ से ज्यादा बरी हुए
एफआइआर दर्ज करने से लेकर कोर्ट में विचारण के दौरान होने वाली खामियों का लाभ आरोपितों को मिल रहा है। गवाहों के बदल जाने तथा कमजोर विवेचना के कारण वे सजा से बचने में कामयाब हो रहे हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि न्यायालय में विचारण के दौरान प्रकरणों का प्रभावी पर्यवेक्षण न होने से ऐसे हालात बन रहे हैं। वर्ष 2019, 2020 तथा 2021 में जनवरी से अक्टूबर माह तक पुलिस जोन के पांच जिलों में 3 हजार 515 आरोपित सजा से बच चुके हैं। इस अवधि में जितने भी प्रकरणों का कोर्ट में निपटारा हुआ उसमें सिर्फ 999 आरोपितों को सजा हो पाई।
दोषमुक्ति के कारणों की समीक्षा के निर्देश: आरोपितों को शत प्रतिशत सजा दिलाने के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी दोषमुक्ति प्रकरणों पर नजर बनाए हुए हैं। पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा ने जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी व नरसिंहपुर जिले के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि दोषमुक्त प्रकरणों की समीक्षा की जाए। संबंधित प्रकरणों में समयावधि में अपील कर उनकी प्रभावी मानीटरिंग की जाए। जघन्य सनसनीखेज गंभीर अपराधों को चिंहित कर समस्त बिंदुओं पर तत्परता से विवेचना कर साक्ष्य एकत्र किए जाएं। कोर्ट से फास्ट ट्रायल कराते हुए आरोपितों को सजा दिलाई जाए।
जबलपुर-हत्या के दो प्रकरण, नाबालिग से अप्राकृतिक कृत्य, नाबालिग से दुष्कर्म, अपहरण जैसे मामलों में आरोपित सजा से बच गए। कटनी-हत्या के छह, दुष्कर्म सहित हत्या, डकैती जैसे संगीन मामलों में आरोपितों को सजा नहीं मिल पाई।छिंदवाड़ा-दुष्कर्म सहित हत्या का एक, हत्या के दो मामलों में आरोपित सजा से बच गए।सिवनी-नाबालिग से दुष्कर्म के दो प्रकरण, हत्या के तीन प्रकरणों में पुलिस आरोपितों को सजा नहीं दिला पाई।
नरसिंहपुर-अपहरण के प्रकरण में आरोपितों को सजा नहीं मिल पाई।वर्ष 2019, 2020 तथा जनवरी से अक्टूबर 2021 तक के आंकड़े-
जिला सजा बरी सजा का प्रतिशतजबलपुर 160 1248 12.56कटनी 96 142 38.93छिंदवाड़ा 450 826 37.46
सिवनी 132 286 35.86नरसिंहपुर 161 1013 12.33योग 999 3515 23