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Katni Tunnel Collapse: कटनी कलेक्‍टर ने कहा- टनल से अब नहीं आ रही आवाज, डाक्‍टरों की टीम भी नीचे उतरेगी

मध्य प्रदेश के कटनी जिले के स्लीमनाबाद में शनिवार रात भूमिगत नहर की मिट्टी धंसने से नौ मजदूर दब गए। रविवार सुबह तक इनमें से सात को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और अंदर फंसे दो मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है। कटनी कलेक्‍टर प्रियंक मिश्रा ने बताया कि टनल में से अब कोई कॉल (आवाज) नहीं आ रहा है। इसलिए डाक्‍टरों की टीम को भी नीचे उतारा जा रहा है। जो मजदूर अभी दबे हुए हैं। उन्‍हें बचाने वहीं प्रयास शुरू कर दिए जाएंंगे।

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विदित हो कि रात करीब साढ़े सात से आठ के बीच जब मजदूर काम कर रहे थे, तभी मिट्टी बगल से धंसकने लगी और मजदूर उसके नीचे दब गए। इसकी सूचना नर्मदा विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों ने जिला प्रशासन को दी। इसके बाद कलेक्टर प्रियंक मिश्रा व एसपी सुनील जैन मौके पर पहुंचे। रात में ही सुरक्षित निकाले गए तीन मजदूर दीपक, नर्मदा व मुन्नीदास पड़कुर गांव, जिला सिंगरौली के रहने हैं। फंसे मजदूर सिंगरौली के चितरंगी, महाराष्ट्र के नागपुर व झारखंड के बताए जा रहे हैं।

मोतीलाल कोल और नंद लाल यादव आख़िरी 2 मज़दूरों के नाम जो सुबह सुरक्षित निकाले गए हैं। कल रात और आज सुबह निकाले सात मज़दूर ख़तरे से बाहर हैं तथा अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस प्रकार अब तक कुल 9 मज़दूरों में से 7 को सकुशल बचाया जा चुका है। शेष बचे 2 मज़दूर ग़ोरेलाल कोल और रवि (सुपरवाइज़र) अभी भी फ़ंसे हुए हैं तथा दोनो से संंपर्क (कम्यूनिकेशन) नहीं हो पाया है। एनडीआरएफ की टीम शेष बचे दोनों मज़दूरों (ग़ोरेलाल कोल और सूपर्वायज़र रवि) को निकालने का प्रयास कर रही है। एसडीईआरएफ दमोह और सतना की टीमें भी पहुंच गयी हैं। बचाव कार्य जारी है।

जून 2023 तक पूरा किया जाना है कार्य

बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद भूमिगत नहर की लागत 799 करोड़ रुपये व लंबाई 11.95 किमी है। इसका अनुबंध मार्च 2008 में हुआ और इसे 40 माह की अवधि में जुलाई 2011 तक पूर्ण किया जाना था। मुख्यमंत्री ने संबंधितों से जून 2023 तक टनल का कार्य पूरा करने के लिए कहा है।

अस्पताल पहुंचने के लिए बनाया ग्रीन कारिडोर

स्लीमनाबाद हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस ने टनल में फंसे शेष 2 मजदूरों का बचाव कार्य के लिए जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि रेस्क्यू के बाद मजदूरों को जल्द से जल्द अस्पताल तक पहुंचाया जाएगा।

मिट्टी हटाने के लिए किया गड्ढा : हादसे के बाद 30 फीट गहराई में मिट्टी भर गई, जिसके कारण रेस्क्यू में समस्या आ रही थी। रेस्क्यू टीम ने मिट्टी हटाने के लिए गड्ढा किया है, ताकि मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके। घटना की जानकारी लगते ही बहोरीबंद विधानसभा प्रणय पांडेय भी मौके पर पहुंच गए और घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने कलेक्टर-एसपी से रेस्क्यू पर चर्चा की।

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वीडी शर्मा ने किया ट्वीट : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व स्थानीय सांसद वीडी शर्मा ने ट्वीट किया कि स्लीमनाबाद क्षेत्र में बरगी नहर परियोजना के अंतर्गत हो रहे टनल निर्माण के दौरान मजदूरों के दबने का समाचार मिली। ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी मजदूर भाई सुरक्षित रहें।

सभी मजदूर सुरक्षित : स्लीमनाबाद टीआइ संजय दुबे ने बताया कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं। धीरे-धीरे मिट्टी हटाई जा रही है। एकदम से मिट्टी नहीं हटाई जा सकती। सभी मजदूर सुरक्षित हैं और प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

मशीन सुधारने 25 फीट गहराई तक की थी खोदाई, इसके बाद अचानक धंसक गई मिट्टी

भूमिगत नहर में टीवीएम मशीन सतह से करीब 80 फीट गहराई में थी। मशीन के कुछ हिस्से में सुधार कार्य करने के लिए मशीन तक पहुंचने के लिए खेरमाई के पास कुआंनुमा गड्ढा खोदाई का काम चल रहा था। करीब 25 फीट गहराई में खोदाई हो जाने के साथ उसे ईंट और सीमेंट से मजबूत किया जा रहा था। तभी देर शाम दो हिस्से धंसक गए। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के कार्यपालन यंत्री सहज श्रीवास्तव ने बताया कि गड्ढे के नीचे फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं। उन्हें मामूली चोटें आई हैं। रेस्क्यू टीम ने अंदर जाकर दो मजदूरों से बात की है। चार मजदूर अंदर गहराई में हैं, जिनके लिए आक्सीजन की व्यवस्था की गई है। रेस्क्यू टीम ने देररात मजदूरों को निकालने के लिए दोबारा रेस्क्यू शुरू किया है।

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