किसानों का दिल्ली कूच 29 फरवरी तक टला
किसान आंदोलन का आज 11वां दिन रहा। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक टाल दिया है। किसान मजदूर मोर्चा के कोऑर्डिनेटर सरवण पंधेर ने शाम को खनौरी बॉर्डर पर मीडिया को यह जानकारी दी।
इसके पहले शुक्रवार को किसानों ने ब्लैक डे मनाया। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने काले झंडे लहराए और काली पटि्टयां बांधी। हरियाणा पुलिस ने आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई का फैसला वापस लिया।
इससे पहले, गुरुवार को अंबाला पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारी किसान नेताओं से की जाएगी। इसके लिए उनकी संपत्ति कुर्क और बैंक खाते सीज किए जाएंगे।
पंजाब सरकार ने खनौरी बॉर्डर पर मरे बठिंडा के किसान शुभकरण के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा और बहन को सरकारी नौकरी की घोषणा की। हालांकि, परिवार और किसान नेता हत्या के आरोपियों पर FIR दर्ज होने तक शुभकरण का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए हैं।
दोपहर बाद हरियाणा के हिसार में पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो गया। किसान खनौरी बॉर्डर पर पंजाब के किसानों के पास जाना चाहते थे। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। किसानों ने पथराव किया। इस झड़प में 40 पुलिसकर्मी और किसान घायल हुए।
किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई। जिसमें किसानों की मांगों पर विचार करने और उनको दिल्ली जाने देने की मांग की गई। 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर युवक शुभकरण की मौत के बाद किसानों ने दिल्ली मार्च को रोक दिया था।