सामान्य प्रशासन विभाग ने लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 को लेकर सवालों के जवाब देने के लिए गुरुवार को मंत्रालय में सभी विभागों के अफसरों की बैठक बुलाई। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने विभाग प्रमुखों से कहा कि पदोन्नति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। यह प्रयास किया जाए कि 31 जुलाई 2025 तक अधिकारी-कर्मचारियों को पदोन्नत किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य शासन की मंशा के मुताबिक कर्मचारी-कल्याण को प्रमुखता से लें। यह नियम एक हफ्ते पहले ही लागू किए गए हैं।
बैठक में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव उपस्थित थे। यहां पदोन्नति से संबंधित प्रावधानों पर बात की गई। बैठक में मुख्य सचिव जैन ने कहा कि 9 साल की बड़ी समस्या इस नियम के लागू होने से समाप्त हो सकेगी। नियमों को बनाने में वरिष्ठ सचिव समिति एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बहुत मेहनत एवं गहन चर्चा की है। नियमों के लागू होने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी।
कर्मचारी कल्याण को दें प्राथमिकता
मुख्य सचिव जैन ने अधिकारियों से कहा कि अपने विभाग में कर्मचारी-कल्याण को प्राथमिकता दी जाए। विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित की जाएं। कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन, विभागीय जांच एवं पेंशन प्रकरणों का निराकरण समय से करें।
नियमों की विस्तार से दी गई जानकारी
चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे एवं उप सचिव अजय कटेसरिया ने मध्यप्रदेश लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025 की विस्तार से जानकारी दी। इसमें अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पदों की गणना, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक, अर्हकारी सेवा की गणना, वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, पदोन्नति के लिए अपात्रता, पदोन्नति का प्रकार, पदोन्नति के फलस्वरूप वेतन का निर्धारण, सीलबंद लिफाफे की स्थिति में प्रक्रिया सहित प्रतीक्षा सूची से पदों को भरे जाने की जानकारी दी गई।
अफसरों के प्रश्नों के समाधान किए
परिचर्चा में पुलिस, महिला एवं बाल विकास, नगरीय प्रशासन, अनुसूचित जाति विकास, परिवहन, वन सहित अन्य विभाग के अधिकारियों के प्रश्नों का समाधान मुख्य सचिव जैन द्वारा किया गया। मुख्य सचिव जैन ने अधिकारियों से कर्मचारी-कल्याण से जुड़े अन्य विषयों पर भी चर्चा की। परिचर्चा में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना सहित सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्त एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
बैठक के यह रहे खास बिन्दु
- पहली डीपीसी 31 जुलाई के पहले सभी विभाग कर लें
- दूसरी डीपीसी सितंबर से नवंबर के बीच कर लें। ताकि दिसंबर 2025 की स्थिति में रिक्त पदों पर पदोन्नति की जा सके।
- इसके बाद अगले साल सितंबर से नवंबर के बीच दिसंबर 2026 की स्थिति में रिक्त होने वाले पदों के लिए डीपीसी की जाएगी।
- अगर मामला कोर्ट में पेंडिंग है तो कोर्ट के पुराने नियम से पदोन्नति होगी।
परामर्शदात्री समिति की बैठकें नहीं होने का मामला उठा
परामर्शदात्री समिति की बैठकें नहीं हो रही हैं। इसे करने के लिए कहा गया है। हर तीन महीने में बैठकें होना चाहिए ताकि कर्मचारियों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर निर्णय हो सकें, लेकिन विभाग के अधिकारी बैठक नहीं बुलाते हैं, इसलिए मामले अनसुलझे रहते हैं और कोर्ट में जाते हैं।