भोपाल जिला न्यायालय और तहसील न्यायालय में 8 मार्च को इस साल की पहली नेशनल लोक अदालत हुई। इसका शुभारंभ सुबह 10:15 बजे हुआ, जिसमें कई मामलों का निपटारा किया गया। विद्युत विभाग और नगर निगम द्वारा हल किए गए मामलों में छूट दी गई, जिससे लोगों को राहत मिली।
फिलहाल भोपाल जिले के न्यायालयों में 1.56 लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं। इस लोक अदालत में 17,241 मामले रखे गए, जिनमें – आपराधिक और सिविल विवाद, चेक बाउंस के मामले (धारा 138), क्लेम और बिजली से जुड़े केस, वैवाहिक विवाद शामिल थे।
इसके अलावा, बिजली बिल, बैंक ऋण वसूली, जलकर, बीएसएनएल और ट्रैफिक चालान से जुड़े 60,989 प्री-लिटिगेशन मामले भी अदालत में रखे गए।

मामलों के निपटारे के लिए 61 खंडपीठ बनीं
तेजी से फैसले लेने के लिए जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय, कुटुंब न्यायालय, श्रम न्यायालय और रेरा सहित 61 खंडपीठ बनाई गईं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भोपाल के सचिव सुनीत अग्रवाल ने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देश पर इस लोक अदालत का आयोजन हुआ। 61 अलग-अलग बैच बनाकर ज्यादा से ज्यादा मामलों का हल निकालने की कोशिश की गई।
अब तक – 17,000 पेंडिंग केस निपटारे के लिए भेजे गए, 75,000 प्री-लिटिगेशन मामले सुलझाने की प्रक्रिया जारी है ।