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No Smoking Day: भारत में 12 से 13 लाख लोगों की मौत का कारण तंबाकू से होने वाली बीमारियां

सार्वजनिक स्थलों को धूम्रपान मुक्त बनाने सामूहिक प्रयास जरूरी है। लोग जागरुक होकर इस सामाजिक बुराई को दूर कर सकते हैं। उक्त बातें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. रत्नेश कुरारिया ने कही। दरअसल, धूम्रपान निषेध दिवस के अंतर्गत विक्टोरिया अस्पताल में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। सीएमएचओ डा. कुरारिया ने कहा कि नागरिकों को किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए। यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है।

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उन्होंने इससे होने वाले दुष्प्रभाव बताए। योजना के नोडल अधिकारी संजय शर्मा ने कहा कि भारत में 12 से 13 लाख लोगों की मौत का कारण तंबाकू से होने वाली बीमारियां हैं। सरकार ने इसकी आपदा से लोगों को बचाने के लिए तंबाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 बनाया है। कानून की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। कोई सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करता है तो उसे 200 रुपये जुर्माना का प्राविधान है। धारा 5 के अनुसार किसी भी तंबाकू उत्पाद का विज्ञापन या प्रायोजन, नाबालिगों द्वारा तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। शैक्षणिक संस्थानों के 300 फीट के दायरे में तंबाकू उत्पाद नहीं बेचे जा सकते। इस दौरान सिविल सर्जन डा. राजकुमार चौधरी, आरएमओ डा. पंकज ग्रोवर, अनुजा सैनी, रुक्मणी सिंह, राजेश पाल आदि मौजूद रहे।

कोविड में सेवाएं देने वालों से भरे जाएं रिक्त पद: कोविड-19 में सेवाएं देने वाली नर्सों की मेडिकल में रिक्त पदों पर भर्ती की जाए। नर्सिंग आफीसर एसोसिएशन से जुड़ी नर्सों ने इस मांग को लेकर मेडिकल कालेज अस्पताल के डीन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में तमाम नर्सों को कोविड स्टाफ के रूप में मेडिकल में पदस्थ किया गया था। जिन्होंने ने स्टाफ नर्सों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के दौरान मेडिकल में उपचार की व्यवस्था संभाल रखी थीं। इसलिए उन्हें सेवा से बाहर न करते हुए संविदा आधार पर भर्ती की जाए। साथ ही रिक्त पदों को उन्हीं से भरा जाए।

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