बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के हॉस्टल के छात्रों के लिए नोटिस
एक बार फिर से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में एक आदेश फिर से चर्चाओं में है, इस बार आदेश हॉस्टल के छात्रों के लिए है। जिसमें कहा गया है कि छात्रों ने अगर समय पर फीस नहीं भरी तो जवाहर छात्रावास दुर्गा उत्सव की भी अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले गुरुवार को भी छात्रों का विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भगत सिंह जयंती मनाने को विवाद हो चुका है। इस बारे में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन प्रोफेसर हेमंत खंडई का कहना है कि बच्चे वहां पर अवैध तरीके से रह रहे हैं ना तो वह रजिस्ट्रेशन करते हैं और ना ही कभी फीस भरते हैं हमने यह आदेश उन्हें भय दिखाने के लिए चस्पा किया है। पूजा हमेशा होती है और होती रहेगी, दुर्गा उत्सव भी मनाया जाएगा।
यह है आदेश
माननीय कुलगुरू जी से चर्चानुसार समस्त छात्रों को सूचित किया जाता है कि अभी तक छात्रों द्वारा छात्रावास शुल्क जमा नहीं किया गया है। वर्तमान में पुनः 2 अक्टूबर 2024 से 6 अक्टूबर 2024 शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि नियत की गई है। इस तिथि के बाद प्रवेश आवेदन मान्य नहीं होंगे। इस दिनांक तक यदि छात्र छात्रावास शुल्क जमा नहीं करते हैं तो उन्हें अनधिकृत माना जाएगा। सभी छात्रों की फीस जमा नहीं होगी तो निर्धारित दिनांक तक फार्म एवं फीस जमा नहीं करने पर छात्र को अनाधिकृत मानते हुए उस पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसका जिम्मेदार स्वयं छात्र होगा। सभी छात्रों की फीस जमा नहीं होगी त्तो जवाहर छात्रावास में दुर्गा उत्सव की भी अनुमति नहीं दी जाएगी।
संस्कृति बचाओ मंच ने किया विरोध
संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्र शेखर तिवारी ने कहा कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा एक आदेश दिया गया है, जिसमें कि छात्रावास के छात्रों के लिए एक आदेश आया है कि अगर आपके द्वारा फीस जमा नहीं की गई तो आपको आगामी दुर्गा उत्सव नहीं मनाने दिया जाएगा। मैं कहना चाहूंगा कि क्या यह क्या मुगलों का राज चल रहा है, जो इस तरह के तुगलकी फरमान जारी किया है।संस्कृति बचाओं मंच इसका विरोध करता है, इसे फीस से जोड़ कर नहीं देख सकते हैं, फीस आपका मामला है, आपको कैसे करना है आप देखिए, हम उसमे कुछ नहीं करेंगे, अगर उत्सव को लेकर अनुमति नही दी गई तो हम कुलपति का पुतला जलाएंगे और विरोध करेंगे।
पहले भी दिया जा चुका है ऐसा आदेश
भोपाल के BU (बरकतउल्ला विश्वविद्यालय) में कुलपति से मिलने के लिए अब पुलिस से परमिशन लेना पड़ेगी। दरअसल, कुलपति ऑफिस के गेट पर एक लेटर चस्पा है। जिसमें लिखा है कि 2 से अधिक छात्र यदि समस्या बताते हैं तो बागसेवनिया पुलिस से अनुमति लें। यह मामला गुरुवार को पूरे दिन सुर्खियों में रहा। इधर, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। वे गेट के सामने जमीन पर ही बैठ गए। उनका कहना था कि बीयू ने ऐसे कॉलेजों को मान्यता दे दी, जहां न तो प्रोफेसर हैं और न ही स्टूडेंट्स। ऐसे कॉलेजों की जांच कराई जाए। ताकि, गड़बड़ी सामने आ सके। बता दें कि गुरुवार को ही विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक भी थी। इससे पहले एनएसयूआई के कार्यकर्ता, पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कार्य परिषद के सदस्यों को रोककर ज्ञापन सौंपा और जांच की मांग की।