भोपाल के सरकारी अस्पतालों में लेटलतीफ आने पर दो दिन में 107 कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है, इनमें 34 डॉक्टर भी शामिल हैं। यह कार्रवाई अस्पतालों में सुबह के समय औचक निरीक्षण कर की जा रही है। सीएमएचओ डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने मंगलवार को लगातार निरीक्षण के दूसरे दिन खुद फील्ड में पहुंच स्वास्थ्य संस्थानों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
डॉ. शर्मा ने कहा कि भोपाल राजधानी और यहां के सरकारी स्वास्थ्य संस्थान पूरे प्रदेश को रिप्रजेंट करते हैं। ऐसे में यहां लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शहर के हर संस्थान का निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए 10 अधिकारियों का दल तैनात किया गया है। यह दल अलग-अलग समय अलग अलग सेंटर में पहुंचेगा। इस दौरान बिना पूर्व सूचना के गायब रहने वाले अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा। जो व्यक्ति दूसरी बार गायब मिला उनकी वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन (CR) में इसे दर्ज किया जाएगा। इसके साथ विलंब से आने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है।
सेंटर पर लिखें खुलने बंद होने का समय
मंगलवार को सीएमएचओ ने नए आदेश जारी किए हैं। इसके तहत हर स्वास्थ्य संस्थान पर खुलने और बंद होने के समय लिखा जाएगा। साथ संस्था प्रभारी का मोबाइल नंबर और स्वास्थ्य संस्था के प्रमुख का नाम भी दर्ज किए जाएंगे। संस्था पर निर्धारित समय अवधि में चिकित्सकों और अन्य स्टाफ की उपस्थित सुनिश्चित करने के लिए वीडियो कॉलिंग भी की जा रही है।
मंगलवार को एक घंटे में 10 संस्थानों की हुई जांच
भोपाल की शहरी और ग्रामीण इलाकों की कई स्वास्थ्य संस्थाओं में एक साथ सुबह की ओपीडी का निरीक्षण मंगलवार को किया गया। 10 विभागीय अधिकारियों ने सुबह 9 से 10 बजे के बीच जिले के 6 संस्थाओं में पहुंचकर स्वास्थ्य सेवाओं और स्टाफ की उपस्थिति की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान 25 चिकित्सक और 55 स्वास्थ्यकर्मी निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं मिले। इन अधिकारियों कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया।
इस दल ने सिविल अस्पताल बैरागढ़, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गांधीनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिसरोद, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रातीबड़, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्रेशर बस्ती समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं का औचक निरीक्षण किया। हालांकि कई स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सक और स्टाफ ओपीडी के निर्धारित समय में उपस्थित पाए गए।