मध्यप्रदेश में नर्सिंग छात्रों की छात्रवृत्ति और परीक्षा में हो रही देरी के खिलाफ बुधवार को एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया। पदाधिकारी-कार्यकर्ता हाथों में कटोरा लेकर विधानसभा की ओर निकले। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इससे नाराज वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार के नेतृत्व में हाथ में कटोरा लेकर प्रदर्शन किया गया। नर्सिंग छात्र-छात्राएं अपनी मांगों को लेकर विधानसभा तक कटोरा लेकर पैदल मार्च करने निकले थे, लेकिन पुलिस ने रेडक्रॉस अस्पताल के पास बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इसके विरोध में छात्र-छात्राओं ने वहीं सड़क पर बैठकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
जयवर्धन सिंह ने नर्सिंग छात्रों को दिया समर्थन
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और नर्सिंग छात्रों की समस्याएं सुनीं। छात्रों ने उन्हें अपना मांग पत्र सौंपा। जिस पर उन्होंने सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग की। सिंह इस लड़ाई में पूरी ताकत के साथ खड़ी है। सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों को हम सदन से सड़क तक उजागर करेंगे।

नर्सिंग शिक्षा की बदहाल स्थिति विधायक सिंह ने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। 2019-20 सत्र के बीएससी नर्सिंग छात्रों की अंतिम वर्ष की परीक्षा नहीं हो पाना 2020-21 और 2021-22 सत्र के बीएससी, एमएससी और पोस्ट बीएससी नर्सिंग छात्रों की सेकेंड ईयर की परीक्षाएं लंबित हैं। कई छात्रों के प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम अब तक जारी नहीं किए गए हैं। देरी से परीक्षा परिणाम जारी होने के कारण छात्र मानसिक तनाव में हैं और उनका करियर अधर में लटका है। जिससे लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में है।
डिग्री और छात्रवृत्ति की भीख मांगी
एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष परमार ने कहा, पिछले चार वर्ष से नर्सिंग छात्रों की छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही। जिससे उनकी पढ़ाई और भविष्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं। सरकार छात्रवृत्ति देने में आनाकानी कर रही है। यह शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति सरकार की उदासीनता और गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है। नर्सिंग छात्रों ने कटोरा लेकर सरकार से छात्रवृत्ति और डिग्री की भीख मांगी।

एनएसयूआई की यह मांगें
- तुरंत नर्सिंग छात्रों की छात्रवृत्ति जारी की जाए।
- नर्सिंग परीक्षाएं समय पर करवाई जाएं।
- परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द घोषित किए जाएं।
- बिना संबद्धता के प्रवेश देने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
एनएसयूआई ने दी चेतावनी प्रदेश उपाध्यक्ष परमार ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द छात्रवृत्ति और परीक्षाओं को लेकर उचित निर्णय नहीं लिया गया तो उग्र प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री निवास और राजभवन का घेराव करेंगे।