• नेपाल में भड़की हिंसा में छतरपुर के जो चार परिवार फंस गए थे, वह दूसरे दिन गुरुवार को छतरपुर के लिए निकल पड़े हैं। नेपाल में भड़कती हिंसा और आगजनी को देख सभी लोगों ने चार गाड़ियां की और उनसे निकल पड़े हैं। नेपाल से निकलते समय छतरपुर के चार परिवारों में शामिल निर्देश अग्रवाल ने वीडियो भी जारी किया। |
• मध्य प्रदेश में 12वीं परीक्षा में फर्स्ट आने वाले 7832 विद्यार्थियों को सीएम डॉ. मोहन यादव ने आज स्कूटर का तोहफा दिया। भोपाल में हो रहे कार्यक्रम में उस्थित विद्यार्थियों को वाहन प्रदान किए गए। प्रदेश में बाकी विद्यार्थियों के बैंक अकाउंट में स्कूटर खरीदने के लिए राशि ट्रांसफर की गई। |
• रीवा जिले में रीवा-मनगवा नेशनल हाईवे पर गुरुवार को एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसने न केवल यातायात को ठप कर दिया, बल्कि परिवहन विभाग के उड़न दस्ते पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप भी लगाए गए। रायपुर करचुलियान थाना क्षेत्र के सुरसामड़ी गांव के पास एक यात्री बस ने पीछे से एक ट्रक को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे सड़क पर अफरा-तफरी मच गई। |
• फास्ट फोर्ट एक्टिवेटेड सिम अभियान के तहत जिले की गोहपारू पुलिस ने ऑनलाइन ठगी से जुड़े बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दो ऐसे शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो भोले-भाले आदिवासी ग्रामीणों के सीधेपन का फायदा उठाकर उनके बायोमेट्रिक अंगूठे से फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेट करते थे और फिर उन्हें अच्छे दामों पर ऑनलाइन ठगी करने वालों को बेच देते थे। |
• शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के भीड़ भाड़ वाले एरिया में खड़ी मोटरसाइकिल की डिग्गी से 50 हजार नगद पार हो है। किसान बैंक से पैसा निकाल कर रास्ते में स्थित एक दुकान में फोटो कॉपी करा रहा था, तभी पैसा पर हो गया। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। |
• मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा द्वारा विधायक संजय पाठक द्वारा फोन किए जाने के बाद खुद को उस मामले से अलग किए जाने के बाद नया मोड आया है। अब पाठक के वकील अंशुमान सिंह ने भी खुद को केस से अलग कर लिया है। |
• सागर जिले के बीना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतीं निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त करवाने के लिए कांग्रेस विधायक दल ने फिर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। दल-बदल कानून के तहत इसे हाई कोर्ट जबलपुर में चुनौती दी गई है। दरअसल, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सप्रे के भाजपा में जाने की घोषणा और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलग्न होने को आधार बनाकर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई थी, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दल-बदल कानून के अंतर्गत कार्रवाई नहीं करने को आधार बनाया गया था। |