इंदौर के सदर बाजार थाने ने मुंबई के कव्वाल नौशाद अली के खिलाफ बलात्कार, धोखाधड़ी और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला दर्ज किया है। वह अमन बनकर साल 2013 से महिला के संपर्क में था। साल 2018 में महिला को आधार कार्ड से पहली बार पता चला कि वह मुस्लिम है। महिला ने आपत्ति की, तो आरोपी शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगा।
पीड़िता की शिकायत पर सदर बाजार पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 69, 308(2), 296, 115(2), 351(3) तथा मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3/5 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि तीन दिन पहले बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने नौशाद को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था।
2013 में बस यात्रा के दौरान हुई थी मुलाकात
पीड़िता के अनुसार वर्ष 2013 में उसकी मुलाकात नौशाद से बस यात्रा के दौरान हुई थी। वह नौकरी के चलते मानपुर से हर दिन बस से अपडाउन करती थी। उस वक्त आरोपी ने अपना नाम अमन बताकर दोस्ती की और बताया कि वह संगीत से जुड़ा हुआ है और लाइव कार्यक्रम करता है। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम नौशाद अली पुत्र रफीक सवारी निवासी सुलवाड़ा महाराष्ट्र बताया।
शादी का झांसा, रेप और असली पहचान का खुलासा
वर्ष 2018 में जब पीड़िता इंदौर स्थित अपने फ्लैट में रह रही थी, तब अमन ने उससे शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान पीड़िता के हाथ आरोपी का आधार कार्ड लग गया, जिससे पता चला कि उसका असली नाम नौशाद अली है। जब पीड़िता ने आपत्ति जताते हुए शादी की बात की, तो आरोपी ने उसे पहले धर्म परिवर्तन करने को कहा, जिस पर वह राजी नहीं हुई। इस दौरान आरोपी ने महिला से मारपीट भी की।
पैसों की ठगी और धमकी
पीड़िता का आरोप है कि दोस्ती के दौरान आरोपी ने उससे चार से पांच लाख रुपए ऐंठे और बार-बार जबरन संबंध बनाता रहा। विरोध करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
31 मई को फिर हुई जबरदस्ती
पीड़िता ने बताया कि 31 मई 2025 को आरोपी सरवटे बस स्टैंड पर मिला और उसके फ्लैट तक आ गया। यहां चाय पीने का बहाना बनाकर उसने फिर से जबरदस्ती संबंध बनाए और रातभर वहीं रुका रहा। इसके बाद हिंदूवादी संगठनों के लोग मौके पर पहुंचे और आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया।
पहले इंकार, फिर केस दर्ज
शनिवार को पीड़िता ने इस मामले में कार्रवाई से इनकार कर दिया था, लेकिन सोमवार रात हिंदूवादी कार्यकर्ताओं की समझाइश पर वह फिर से थाने पहुंची, जहां पुलिस ने मामला दर्ज किया।