RGPV के एक और कुलसचिव पर गड़बड़ी के आरोप
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में 19.48 करोड़ का मामला सुर्खियों में है। इस बीच विश्वविद्यालय के ही तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव डॉ. सुरेश सिंह कुशवाहा के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से शिकायत की है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि कुल सचिव ने उन फर्नीचरों का बिल पास किया, जो कभी विश्वविद्यालय में पहुंचा ही नहीं। यहीं नहीं लैपटॉप खरीदी में भी गड़बड़ी की गई। लेकिन, विश्व विद्यालय में एक और कमेटी गठित कर दी गई। जिसमें उन्हें बचाने की कोशिश की गई है।
जबकि मामले की शासन स्तर पर जांच हो चुकी थी। जिसमें उन्हें दोषी पाया गया था। तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार मंत्रालय ने भी विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर बताया था कि प्रभारी कुल सचिव सुरेश कुशवाहा को भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
रिपोर्ट में यह भी आया सामने
शासन स्तर पर की गई जांच में यह भी सामने आया कि लैपटॉप खरीदने के बिल लगाए गए हैं, जिसमें कई तरह की गड़बड़ियां हुई हैं। अस्थायी प्रोफेसरों का मानदेय बढ़ाया जाने का उल्लेख किया गया है, जो उनके खातों में गया ही नहीं। वहीं, बिना किसी नियम प्रक्रिया को अपनाते हुए महाविद्यालय के कई लोगों को प्रतिनियुक्ति पर रख गया। प्रति नियुक्तियों पर आए कर्मियों को उनके मूल संस्थान से प्राप्त वेतन से अधिक वेतन देकर विश्वविद्यालय के राजस्व नुकसान भी किया है।
कुलसचिव की जांच के लिए नियुक्त कर दिए वहीं के 2 प्राध्यापक
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के अनुसार तत्कालीन कुलपति ने शासन स्तर पर गठित जांच समिति के प्रतिवेदन को नहीं माना, और विश्वविद्यालय स्तर पर उक्त प्रतिवेदन के परीक्षण के लिए एक समिति 16 मार्च 2022 को गठित की। जिसमें विश्वविद्यालय में ही कार्यरत 2 प्रोफेसर को नियुक्त किया गया। यह आश्चर्यजनक था।
समिति ने अपनी दिखावटी कार्रवाई कर जांच प्रतिवेदन में प्राप्त शिकायतों पर लीपापोती कर तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव को 5 जुलाई 2022 को उन्हें क्लीन चिट दे दी। जिसके उपरांत तत्कालीन कुलपति ने तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र 2 सितंबर 2022 के माध्यम से डॉ. कुशवाहा को दोषमुक्त करने का प्रयास किया। जिसके बाद उन पर कार्रवाई नहीं की गई।