MP में सैनिटरी पैड के लिए मिले 300-300 रुपए, ऐसा करने वाला एमपी पहला राज्य
भोपाल के रवीन्द्र भवन में स्कूल, कॉलेज की छात्राओं के कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने 55.11 करोड रुपए की राशि छात्राओं के खातों में सिंगल क्लिक के जरिए ट्रांसफर की। छात्राओं को ये राशि सैनिटरी पैड के लिए दी गई है। इसी के साथ ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा- हमारी एक बेटी दस पुत्रों के बराबर होती है। रक्षाबंधन 19 तारीख को है। लेकिन, हमने अभियान चलाया है 1 करोड़ 39 लख तो लाड़ली बहन है। 9 करोड़ के प्रदेश में 4.50 करोड़ तो बहनें हैं। अब हमारी लोकसभा-विधानसभा में 33% आरक्षण के कारण विधायक, संसद, मंत्री और मुख्यमंत्री बनेंगी।
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं और छात्राओं ने मुख्यमंत्री को राखी बांधी। सीएम ने सभी को मिठाई खिलाकर उपहार दिए।
सीएम के भाषण के मुख्य पॉइंट
- 12 महीनों में सावन का पर्व खास माना जाता है। न हमारे राज्य में ज्यादा तूफान आता है न सूखा पड़ता है।
- देश का दिल मध्यप्रदेश इन सबसे आबाद है। इसमे बेटियों का बड़ा योगदान है। रक्षाबंधन पर आपको सम्मनित किया गया हौ।
- रानी दुर्गावती को पाठ्यक्रम में लाने वाले हैं। दुर्गावती ने 51 लड़ाई लड़ी सब जीतीं। झांसी की रानी के अलावा मध्यप्रदेश की दो वीरांगना रानियां रहीं। अकबर की सेना को 3-3 बार दुर्गावती ने धूल चटाई। मांडव में बाज बहादुर का बड़ा नाम था। बाज बहादुर की कब्र रानी दुर्गावती ने खोदने का काम किया। 51वां युद्ध जब रानी लड़ रही थीं।
- ये समझने की बात है कि तकनीक को समय के हिसाब से धारण करना चाहिए। उस दौर में आखिरी युद्ध मे जब तोप के आक्रमण हुए उन्हें लगा कि मैं युद्ध नहीं जीत पाऊंगी तो एक तीर से आंख निकल गई फिर भी बहादुरी से युद्ध लड़ी और सैनिक से कहा मैं दुश्मन के हाथ नहीं आऊंगी मेरी गर्दन काट दे। सैनिक के हाथ कांपने लगे तो कतार से खुद की जीवन लीला समाप्त कर ली।
- अहिल्या बाई की वीरता और सामाजिक कार्यों की गाथाएं सब जानते हैं। आज भी बनारस में गंगा जी के सामने विश्वनाथ मंदिर में रामेश्वरम से समुद्र जल चढ़वाने की व्यवस्था अहिल्याबाई के शासन में होती थी।
- दुर्भाग्य से हमारे पाठ्यक्रम में पढ़ाई केवल सिलेबस तक सीमित रखते हैं सीता गीता केवल नाम रखने के लिए नहीं उनके जीवन को धारण करने की जरूरत है।
कार्यक्रम की शुरुआत में उच्च शिक्षा विभाग के पीएस सुखवीर सिंह के साथ सीएम ने दीप प्रज्जवलित कर की।
छात्राओं में उड़ान भरने की शक्ति
कार्यक्रम की शुरुआत में उच्च शिक्षा विभाग के पीएस सुखवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री व्यवहारिक व्यक्ति हैं। उनकी हमेशा यह सोच रहती है कि बच्चों का शिक्षा के साथ कौशल विकास हो। छात्राओं में उड़ान भरने की शक्ति होती है। स्कूल शिक्षा में सीएम राइज स्कूल खुल रहे हैं। उसी तरह हर जिले में पीएम कॉलेंजे ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की है। ये गुणवत्ता का केंद्र बनेंगे। उन्होंने कहा कि जब सीएम उच्च शिक्षा मंत्री थे तब एमपी अग्रणी राज्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दर्ज हुआ था। ग्रॉस एनरोलमेंट रेट से हम 50 पॉइंट आगे हैं। एमपी के समीपवर्ती राज्यों में GER से आगे हैं अकेला महाराष्ट्र थोड़ा सा आगे है।