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Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन से वापस आई आफरीन, स्वजनों से मिल हुई भावुक, बताया ग्वालियर के दो छात्र और फंसे हैं

रूस द्वारा गुरुवार को यूक्रेन पर हमला करने के बाद दिल्ली आई आखिरी फ्लाइट से स्वदेश पहुंची ग्वालियर की आफरीन अपने स्वजनों से मिलकर भावुक हो गई। उसने उन दो छात्राें को लेकर भी चिंता जताई जो ग्वालियर के हैं और यूक्रेन में फंसे हुए हैं। आफरीन के घर वापसी पर स्वजनों ने भी राहत की सांस ली है।

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ग्वालियर के घोसीपुरा शिंदे की छावनी की रहने वाली आफरीन खान में यूक्रेन की सुनी यूनिवर्सिटी में 2016 में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था। इस साल जून में उनकी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने वाली थी। लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक महीने से चल रही तनाव की खबरों से वहां पढ़ने वाले अन्य देशों के छात्रों में एक अजीब सी तनाव जैसी स्थति थी। आफरीन के पिता ग्वालियर में निजी प्रैक्टिशनर है वे पिछले कुछ दिनों से भारी तनाव में थे ।उन्होंने मंगलवार को ही यहां से अपनी बेटी का वापसी टिकट कराया था।

यूक्रेन से आखिरी फ्लाइट थी

आफरीन का कहना है कि मंगलवार शाम को ही उसका यूक्रेन से दिल्ली के लिए टिकट बुक हुआ था। वह बुधवार शाम को कीव एयरपोर्ट से उस फ्लाइट से सुबह दिल्ली पहुंची जो भारत आने वाली यूक्रेन से आखिरी फ्लाइट थी। क्योंकि गुरुवार को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेने एयर इंडिया का जो विमान जा रहा था उसे बीच में ही युद्ध शुरू होने के कारण वापस लौटना पड़ा।

परीक्षा की वजह से नहीं आना चाहती थी आफरीन

आफरीन के स्वजनों ने बताया कि उनकी बेटी आफरीन का कहना था कि ऑफलाइन परीक्षा होने पर उसका फिलहाल स्वदेश लौटना मुश्किल है । ऑनलाइन परीक्षा होने की स्थिति में वह एक बार स्वदेश लौट सकती है, लेकिन उसके परिजन नहीं चाहते थे कि वह ऐसे तनाव के माहौल में वहां रहे। आफरीन के परिजनों ने उसके स्वदेश लौटने पर संतोष का इजहार किया है। गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचने के बाद आफरीन देर शाम ट्रेन से ग्वालियर पहुंची यहां वह अपने परिवार के लोगों से मिलकर भावुक हो गई ।

ग्वालियर के दो और छात्र फंसे हैं

आफरीन के मुताबिक ग्वालियर के दो और छात्र इस यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं। वह अभी भी वहां फंसे हुए हैं। अपने सहपाठियों और देश के अन्य छात्रों को लेकर आफरीन बेहद चिंतित है। उसने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह किसी भी तरह वहां फंसे छात्रों को जल्द से जल्द निकाले। क्योंकि युद्ध कहां जाकर खत्म होगा और क्या हालात बनेंगेे। कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

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