Russia-Ukraine war : जबलपुर के बच्चों ने वीडियो कॉल कर बताया, भारतीयों के साथ हो रहा भेदभाव
यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों के अनेक वीडियो नईदुनिया को उनके स्वजनों ने उपलब्ध कराए हैं। उन वीडियो को देखने पर संकेत मिल रहे हैं कि उनको वहां अनेक तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। ना ताे उनको भोजन मिल पा रहा है, न ही पीने के पानी की व्यवस्था हो पा रही है और ना ही लाइट का इंतजाम है। यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे इन बच्चों का कहना है कि उनको जो हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं उनपर भी कोई रिस्पांस नहीं मिल पा रहा है।
जबलपुर के दक्षिण मिलौनीगंज में रहने वाले इकबाल आलम की बेटी तज़ीन आलम भी कीव में फंसी है। वो मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा है। वो दो महीने पहले दिसंबर 2021 में ही मेडिकल की पढ़ाई के लिए कीव गई थी। तज़ीन आलम की मां का कहना है कि कीव में बच्चों की हालत अत्यंत दयनीय है। उनको किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल पा रही है। बच्चों के पास खाने-पीने का सामान भी खत्म हो चुका है। दूतावास से भी उनको कोई मदद नहीं मिल पा रही। दूतावास से बच्चों काे मैसेज किए जा रहे हैं कि वो कीव को छोड़कर रोमानिया और पोलैंड की बार्डर पर पहुंचें, लेकिन ये सीमाएं भी वहां से छ: से आठ सौ किलोमीटर दूर हैं। लिहाजा बच्चे वहां नहीं पहुंच पा रहे।
हजारों भारतीय रोमानिया और पोलैंड की सीमा पर : प्राप्त वीडियो के मुताबिक कीव में फंसे बच्चों का कहना है कि राेमानिया और पोलैंड की सीमा पर पंद्रह हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं। उनको वहां से आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है। जबकि यूक्रेन और अमेरिका समर्थक अन्य देशोंं के लोगाें को प्राथमिकता दी जा रही है। कीव में भी फंसे भारतीयों को ट्रेनों में चढ़ने नहीं मिल पा रहा है। वहां भी गैर भारतीयों को पहले चढ़ाया जा रहा है। बच्चों ने जारी वीडियो के माध्यम से भारत की सरकार से प्रार्थना की है कि वो उनकी मदद के लिए जल्द से जल्द प्रयास करे। सोमवार की तज़ीन आलम का अंतिम संदेश उसके स्वजनों काे यह मिल पाया है कि वो कीव के लबीर स्टेशन पर है। उसे वहां से ट्रेन मिली या नहीं- इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसका मोबाइल भी नहीं लग रहा है।
कलेक्टर से मिले स्वजन : तज़ीन आलम के पिता इकबाल आलम और मां केसर आलम ने कलेक्टर डा.इलैयाराजा टी से भी मुलाकात की और उन्हें एक प्रार्थना पत्र देकर मदद की गुहार लगाई। इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि वो इस संवेदनशील मामले में विदेश मंत्रालय से संवाद करेंगे।