संसद का बजट सत्र:नई संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पहला संबोधन
बजट सत्र की शुरुआत से पहले लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित कर रही हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि बीता साल भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा। उन्होंने सांसदों को महिला आरक्षण कानून बनाने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने एशियन गेम्स के इतिहास में सबसे अधिक मेडल, चंद्रयान-तीन की सफलता, राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने का जिक्र किया।
राष्ट्रपति ने जैसे ही राम मंदिर का जिक्र किया मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर की आकांक्षा सदियों से थी, जो इस साल पूरी हुई है। राष्ट्रपति के मुताबिक गुलामी के दौर में बने कानून अब इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करने के लिए सरकार ने कड़े कानूनी प्रावधान किए।
इससे पहले मोदी ने सदन के बाहर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि इस साल में जिसको जो रास्ता सूझा, उस प्रकार से संसद में सबने अपना-अपना कार्य किया। मैं इतना जरूर कहूंगा कि कुछ लोगों का स्वभाव ‘आदतन हुड़दंगी’ हो गया है, जो आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं। ऐसे सभी माननीय सांसद आज आखिरी सत्र में जरूर आत्मनिरीक्षण करेंगे कि 10 साल में उन्होंने क्या किया।’
‘इस नए संसद भवन में जो पहला सत्र हुआ था, उसके आखिर में एक सांसद ने एक बहुत ही गरिमापूर्ण फैसला लिया था। वो फैसला था नारीशक्ति वंदन अधिनियम। उसके बाद 26 जनवरी को हमने देखा किस प्रकार से देश में कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति की सामर्थ्य को, शौर्य को, संकल्प की शक्ति को अनुभव किया और आज बजट सत्र का आरंभ हो रहा है, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मार्गदर्शन और कल निर्मला सीतारमण का अंतरिम बजट एक प्रकार से नारी शक्ति के साक्षात्कार का पर्व है।’