भारत सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के तहत बड़ा घोटाला सामने आया है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर भोपाल के निर्देश पर 40 शिक्षण संस्थानों, उनके प्रबंधन, नोडल अधिकारियों और प्रमुखों के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज की गई है। इन संस्थानों ने 972 ऐसे छात्रों के नाम पर स्कॉलरशिप निकाली, जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थे।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के दौरान इन संस्थानों ने स्कॉलरशिप पोर्टल पर फर्जी छात्रों का पंजीयन कर कुल 57,78,300 (सत्तावन लाख अठहत्तर हजार तीन सौ रुपए) की राशि शासन से प्राप्त कर ली। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इस फर्जीवाड़े से शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है।
यह भी देखें
- 40 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज
- 972 फर्जी छात्र स्कॉलरशिप पोर्टल पर पंजीकृत
- 57.78 लाख की राशि शासन से निकलवाई गई
- 2021-22 में की गई पूरी धोखाधड़ी
पुलिस के अनुसार, यह भी जांच की जा रही है कि क्या इन संस्थानों ने सिर्फ स्कॉलरशिप की राशि ग़लत तरीके से प्राप्त की है या फिर फर्जी छात्रों को दस्तावेज़ तैयार कर वास्तव में मौजूद दिखाया गया। फिलहाल प्रकरण में सभी संस्थानों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।