आयकर की छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे
मप्र में रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन से जुड़ी 3 कंपनियों पर आयकर की छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आयकर विभाग ने दस्तावेजों में एंट्री की है कि चंदनपुरा में 54 एकड़ जमीन खरीदने के लिए रायपुर के खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका ने बिल्डर राजेश शर्मा को 45 करोड़ रुपए कैश दिया था। यह जमीन तीन अलग-अलग कंपनियों के जरिए खरीदी गई।
राजेश शर्मा के घर से मिले दस्तावेजों में यूरो पायलेट प्रा.लि. नामक कंपनी सामने आई, जो गोयनका की बताई जा रही है। जमीन का सौदा 65 करोड़ रु. में हुआ था। बाद में कीमत 110 करोड़ हो गई। भुगतान तीन किश्तों में 25 करोड़, 55 करोड़ और 30 करोड़ रुपए के रूप में हुआ।
इधर, आयकर छापों के दस्तावेजों में आई इस जानकारी से महेंद्र गोयनका ने इनकार किया है। गोयनका ने ‘भास्कर’ से बातचीत में कहा कि उन्होंने कोई कैश राजेश शर्मा को नहीं दिया। भोपाल में भी एक-दो जगह छोड़कर उनकी कोई जमीनें नहीं हैं। इधर, दस्तावेजों के मुताबिक विस्टा सेल्स जो महेंद्र गोयनका की कंपनी है, इसमें 15% की पार्टनशिप राजेश की है।
दस्तावेजों में अफसरों के भी नाम IFS निवेदिता ने राजेश को चांदी के मुकुट के लिए नकदी दी थी
- दस्तावेजों में अफसरों के भी नाम आने लगे हैं। पहला नाम आईएफएस निवेदिता का है, जिन्होंने मंदिर में चांदी का मुकुट चढ़ाने के लिए राजेश को नकद पैसा दिया। यह कितना था, इसका जिक्र नहीं है। निवेदिता कौन है, इसकी जानकारी के बाद आयकर उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकता है।
- आयकर छापों में दस्तावेजों में दलालों का भी जिक्र आया है। इसमें बताया गया कि भोपाल कलेक्ट्रेट व तहसील दफ्तर के लिए दलाली अरविंद दुबे करता था। पीएचक्यू में सब इंस्पेक्टर सोलंकी और वल्लभभवन में फॉरेस्ट के काम अजीत शर्मा देखता था।
3 मोबाइल और 3 आधार नंबरों की पड़ताल
982602**01, 930102**01 और 748945**82 भी आयकर विभाग को मिले हैं, अब इनकी पड़ताल की जाएगी। गिट्टी का कारोबार करने वाली ट्राइडेंट इंटरप्राइजेज कंपनी के कागज मिले हैं, जिसे राजेश शर्मा की पत्नी चलाती है। त्रिशुल कंस्ट्रक्शन में भी पत्नी पार्टनर है। अवधेश सिंह, नान सिंह और धर्मेंद्र के आधार कार्ड मिले हैं। विभाग को शक है कि इनके नाम से भी रजिस्ट्री हुई।
सेंट्रल पार्क 31 एकड़ जमीन की खरीद में भी नकद लेन-देन
सेंट्रल पॉर्क की प्रॉपर्टी में राजेश ने बलविंदर उर्फ सोनू और बॉबी के साथ पार्टनरशिप की। वर्ष 2020-21 में निवेश किया। सेंट्रल पार्क के आठ प्लॉट जिन्हें 40 लाख रुपए में खरीदना बताया गया, उसके कागज बिल्डर राजेश के पास मिले हैं। सेंट्रल पार्क की 31 एकड़ जमीन के कई दस्तावेज मिले हैं, जिनमें नगद लेन-देन हुआ है। महेंद्र गोयनका के साथ सेंट्रल पार्क मामले में लिखित एग्रीमेंट नहीं मिला, लेकिन ऐसा बताया गया कि 15% की फ्रॉफिट शेयर वाली बात मौखिक हुई।
पाठक-गोयनका के कहने पर राजेश ने सहारा की प्रॉपर्टी के खसरे निकलवाए
सूत्रों के मुताबिक छापों के दस्तावेज में सामने आया है कि संजय पाठक और महेंद्र गोयनका के कहने पर बिल्डर राजेश ने भोपाल में सहारा स्टेट की प्रॉपर्टी के खसरे निकलवाए थे। इस प्रॉपर्टी के मूल दस्तावेज पाठक के पास हैं। होशंगाबाद रोड पर 60 करोड़ की 120 एकड़ जमीन : होशंगाबाद रोड के मक्सी और छान में 120 एकड़ जमीन खरीदी गई।
इसकी रजिस्ट्री मिली है। खुदागंज में 3 एकड़, मेंडोरा में 6 एकड़ के साथ बरखेड़ा नाथू, कुशलपुरा, बावडि़या, सनखेड़ी, सेवनिया गौड़, सागर ग्रीन, महुआ खेड़ा, गुलमोहर, बागमुगालिया, अरेरा कॉलोनी, सरवर ग्राम, रूचि लैंड स्केप में भी प्रॉपर्टी के कागज मिले हैं। आयकर विभाग इनकी पड़ताल में जुटेगा। महुआ खेड़ा में 2.50 करोड़ की जमीन है।
आयकर विभाग ने चेतन से दो घंटे की पूछताछ आयकर विभाग ने शनिवार को सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर को पूछताछ के लिए तलब किया। सूत्रों के मुताबिक चेतन सिंह गौर से आयकर विभाग के जांच अधिकारियों ने सौरभ शर्मा और उसके द्वारा बेनामी संपत्तियों में किए गए निवेश को लेकर सवाल किए।
इन कंपनियों के नाम
- आईकॉन प्रो. मल्टीवेंचर्स : रीयल स्टेट का काम करती है। यह त्रिशुल ब्लैक मेटल्स की पार्टनरशिप फर्म है।
- ट्राइडेंट मल्टीवेंचर्स : (महेंद्र गोयनका के फंड से महु खेड़ा हुजूर में जमीन की खरीदी की)
- अनंत मल्टीवेंचर्स – एंट्री मिली है कि गोयनका की रायपुर वाली इस फर्म से राजेश ने बिना किसी ब्याज के 75.46 लाख पैसे लिए।
- निसर्ग इस्पात प्रा.लि. : आठ रजिस्ट्री गोयनका के स्वामित्व वाली इस कंपनी के नाम थी, इसके दस्तावेज राजेश के यहां मिले।
- औरा प्लस इंफ्रा : 6 जमीनों की खरीदी इसके माध्यम से की गई। रजिस्ट्री मिली है।