सरहद पर दिन-रात देश की हिफाजत में मुस्तैद रहने वाले चेहरे, आज बहनों के चेहरों पर मुस्कान के पहरेदार बन गए। मौका था रक्षाबंधन का, जब राजधानी के शक्ति सदन (निर्भया महिला आश्रय गृह) की बहनें राखी और मिठास भरे रिश्तों का थाल लेकर सशस्त्र सीमा बल (SSB) के वीर जवानों से मिलने पहुंचीं।
जवानों ने इस मिलन को खास बनाने के लिए पहले से तैयारी की थी। बहनों को राखी बांधने के लिए विशेष आमंत्रण भेजा गया और उनकी सुविधा के लिए SSB द्वारा खास बस की व्यवस्था की गई, ताकि किसी बहन को सफर में कोई परेशानी न हो।
बता दें कि राखी बांधते वक्त माहौल भावनाओं से भर गया। बहनों ने उनकी कलाई पर डोर बांधते हुए कहा- यह सिर्फ राखी नहीं, हमारी दुआ और भरोसे की गांठ है। उन्होंने जवानों के सुरक्षित और लंबे जीवन की कामना की। जवाब में जवानों ने न सिर्फ उपहार और जलपान देकर बहनों का सम्मान किया, बल्कि यह भी वादा किया कि अब यह डोर सिर्फ कलाई तक नहीं, दिल तक बंध चुकी है।

इस मौके पर निर्भया फाउंडेशन की निदेशक समर खान, आश्रय गृह की अधीक्षिका इंद्रा मौर्य, केस वर्कर और कंप्यूटर ऑपरेटर भारती नरवरे, मल्टीपर्पज वर्कर गुलशाद बेगम सहित पूरा स्टाफ मौजूद रहा। सभी ने इस भावुक पल को कैमरे में कैद किया और इसे एक यादगार दिन बताया। कार्यक्रम सिर्फ राखी बांधने का आयोजन नहीं था, बल्कि यह उस अदृश्य पुल का प्रतीक बन गया जो सीमा पर तैनात जवानों और शहर में रहने वाली इन बहनों के बीच जुड़ गया।
तस्वीरों में देखिए रक्षाबंधन सेलिब्रेशन…


