इंदौर में एक नवजात को आधी रात में किसी ने कचरे में फेंक दिया। उसी दौरान एक रहवासी महिला की नींद खुली। उसने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो घर से कुछ दूर गई। वहां गाजर घास में एक नवजात कांपते हुए रो रही थी।
महिला ने तत्काल उसे उठाया और अपने घर ले आई। यहां उसने उससे लिपटी गंदगी साफ की और दूध पिलाकर संभालती रही। सुबह जब पति-पत्नी बच्ची को थाने में सौंपने जाने लगे तो परिवार की दोनों बेटियां रुआंसी हो गईं। उन्होंने कहा- यह हमारी छोटी बहन है, इसे पुलिस को मत दीजिए।
मामला शिवकंठ नगर का है। यहां रहने वाले घनश्याम परमार एक कंपनी में चौकीदारी करते हैं, जबकि उनकी पत्नी रुकमा घर के बाहर चाय-बिस्किट की दुकान चलाती हैं। रविवार-सोमवार की रात करीब 2 बजे खटर-पटर की आवाज सुनकर उनकी नींद खुली तो वह बाहर निकलीं। उन्हें लगा कि कहीं बाहर कोई सामान तो चोरी नहीं कर रहा है। जब कुछ नहीं दिखा तो वह घर के अंदर लौटने लगीं। तभी अचानक उन्हें एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी और वह चौंक गईं।
नजर न लगे इसलिए लगाया काजल का टीका
रुकमा घर से कुछ कदम दूर उस ओर गई, जहां बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। वहां गाजर घास और कचरे के बीच से आवाज सुनाई दी। वह तुरंत घर लौटी और मोबाइल लेकर वापस गईं। मोबाइल की टॉर्च की रोशनी डाली तो चौंक गई। वहां एक नवजात रो रही थी। उसे डर लगा कि कहीं कुत्ते या कोई और जानवर हमला न कर दे, इसलिए उसने तुरंत बच्चे को उठाया और घर ले आई। फिर उसे साफ कर दूध पिलाया। बच्ची को नजर न लगे, इसलिए तैयार कर उसके माथे पर काला टीका भी लगाया।

सुबह दंपती ने थाने में सौंपी बच्ची, पुलिस ने भेजा अस्पताल
सोमवार सुबह दंपती बच्ची को लेकर थाने पहुंचे। इस पर पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल भेजा, जहां उसकी हालत फिलहाल ठीक है। उसे अभी पीआईसीयू में ही रखा गया है। खास बात यह है कि दंपती की दोनों बच्चियां अब काफी उदास हो गईं। वे बार-बार माता-पिता से यही कह रही हैं कि आप लोग उसका ध्यान रखना।
आसपास के मैटरनिटी अस्पतालों से जानकारी जुटाई जाएगी
नवजात बच्ची को जिस जगह फेंका गया, वह बस्ती क्षेत्र है, इसलिए वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दंपती के बयान भी लिए गए हैं। बड़ा सवाल यह है कि आधी रात को किसी ने बच्ची को कचरे में क्यों फेंका। इसे लेकर रहवासियों में भी यही चर्चा है कि कौन निर्दयी मां या उससे जुड़ा कोई नन्हीं जान को यहां छोड़ गया। पुलिस को शंका है कि यह मामला अवैध संतान से जुड़ा हो सकता है। इसी कारण आसपास के मैटरनिटी अस्पतालों से हाल ही में हुई डिलीवरी की जानकारी जुटाई जाएगी।
दंपती की सराहना
पूरे मामले में घनश्याम-रुकमा परमार की भूमिका काफी सराहनीय रही। इसे लेकर पुलिस और अस्पताल स्टाफ ने दोनों की प्रशंसा की है। दंपती का कहना है कि बस बच्ची सलामत रहे और उसे अच्छा परिवार मिले, यही उनकी ईश्वर से प्रार्थना है।