ग्वालियर कलेक्ट्रेट में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान एक शिकायतकर्ता और तहसीलदार आपस में भिड़ गए। बहस इतनी बढ़ी कि दोनों के बीच झूमाझटकी हो गई। तहसीलदार ने पुलिस बुला ली, जो शिकायतकर्ता को थाने ले गई।
दरअसल, मिथुन परिहार अवैध कॉलोनी की शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंचा था। मुरार तहसीलदार मधुलिका सिंह ने मामला सुना और आश्वासन दिया कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। मिथुन इससे नाराज हो गया। उसका कहना था कि पिछले तीन साल से सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं, कार्रवाई कब होगी। इसे लेकर दोनों के बीच बहस चल रही थी।
मिथुन की तेज आवाज अधिकारियों को पसंद नहीं आई और वे उसे भगाने लगे। तब तक मुरार तहसीलदार के बचाव में सिटी सेंटर तहसीलदार कुलदीपक दुबे आ गए। जब शिकायतकर्ता को बाहर करने लगे, तो उसने हाथ लगाने से मना किया। इस बीच तेज आवाज में बात होने लगी और तहसीलदार दुबे ने उसे खींच लिया।
अब समझते हैं पूरा मामला?
उपनगर मुरार करगवां निवासी मिथुन परिहार 14 मार्च 2023 को जनसुनवाई में कलेक्ट्रेट पहुंचे और बड़ागांव के आगे करगवां में भू-माफिया द्वारा अवैध कॉलोनी के निर्माण की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस भूमि पर कॉलोनी बनाई जा रही है, उसमें सरकारी जमीन भी है। इस कॉलोनी से आसपास के लोग परेशान हैं। तब उसे कार्रवाई करने का आश्वासन दिया पर कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद से वह लगातार जनसुनवाई में इस मामले का उठा रहा है और हर बार उसे कार्रवाई का आश्वासन मिलता है।
पीड़ित बोला- तीन साल से आश्वासन दे रहे हैं
पीड़ित शिकायतकर्ता मिथुन परिहार ने बताया कि वह तीन साल से अवैध कॉलोनी निर्माण की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जब भी वह जनसुनवाई में पहुंचते हैं सिर्फ यही आश्वासन मिलता है कि जांच कर कार्रवाई करेंगे, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ है। आज जब मैंने कहा कि मुझे आश्वासन नहीं एक्शन चाहिए तो मेरे साथ मारपीट की गई है।