फोन पर कहते थे-मीटर ‘शंट’ करा लो,6 हजार रुपए लगेंगे
जबलपुर में मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का रिटायर्ड कर्मचारी अपने ही विभाग को चूना लगाने में जुटा हुआ था। वह मीटर में छेड़छाड़ (टेम्परिंग) कर बिजली चोरी करवाने का काम बाकायदा रैकेट बनाकर कर रहा था। आरोपी कैलाश कोरी कुछ साल पहले ही रिटायर हुआ था। शिकायत मिलने के बाद सोमवार रात को बिजली कंपनी के साथ घमापुर पुलिस ने कैलाश के घर पर दबिश दी और 17 मीटर जब्त किए।
हालांकि दबिश से पहले ही कैलाश फरार हो चुका था। पुलिस ने उसके घर से मिले मीटर जब्त कर एफआईआर दर्ज की है। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने कैलाश कोरी का मोबाइल जब्त किया है। उनका कहना है कि मीटर ब्लॉक करने वाला पूरा एक गिरोह संभवत: जबलपुर में काम कर रहा है, जिनके नाम-नंबर इस मोबाइल में हो सकते हैं।
रीडिंग में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद हुआ खुलासा सिटी सर्किल के अधीक्षण यंत्री (सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर) संजय अरोरा को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि घमापुर क्षेत्र में कई घरों की बिजली रीडिंग सही नहीं आ रही है। इस पर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पड़ताल शुरू की और कुछ घरों में जाकर मीटरों की जांच की।
इस दौरान पाया गया कि मीटरों को खोलकर उनमें पतली तारों के जरिए छेड़छाड़ की गई थी। मीटर में ‘शंट’ लगाया गया था, जो कि एक तकनीक है। इससे बिजली की खपत कम दिखाई देती है और बिल कम आता है। जब बिजली उपभोक्ताओं से पूछताछ की गई, तो पता चला कि घमापुर बाई का बगीचा इलाके में रहने वाले कैलाश कोरी नाम के व्यक्ति ने इन मीटरों से छेड़छाड़ की थी।
स्मार्ट मीटर से कैसे होती थी छेड़छाड़ कि बिल कम आता था पहले पुराने ‘चकरी वाले’ मीटरों में चुंबक लगाकर रीडिंग को रोका जाता था, जिससे बिजली की खपत कम दिखती थी और बिल भी कम आता था। अब, स्मार्ट मीटरों में भी इसी तरह की छेड़छाड़ की जा रही थी। स्मार्ट मीटरों में रीडिंग कम करने के लिए बड़ी ही सफाई से मीटर खोलकर सर्विस लाइन से एक तार जोड़कर बाइपास निकाल दिया जाता था, जिससे मीटर को शंट यानी ब्लॉक कर दिया जाता था।
यह छेड़छाड़ इतनी सफाई से की जाती थी कि मीटर बाहर से बिल्कुल सही दिखाई देता था, लेकिन अंदर से उसमें गड़बड़ी की जा चुकी होती थी। इस काम के लिए रैकेट 5 से 6 हजार रुपए तक लेता था।
उपभोक्ताओं को फोन लगाकर कहते थे- मीटर शंट करवा लो जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि कैलाश कोरी अकेला नहीं था, बल्कि इस काम में एक पूरा गिरोह सक्रिय था। इस गिरोह के लोग उपभोक्ताओं को फोन लगाकर मीटर शंट करने के लिए कहते थे। सहमति मिलते ही घरों से मीटर निकालकर लाते और उसमें छेड़छाड़ कर अगले दिन टेम्परिंग वाला मीटर लगा देते थे। गिरोह का मास्टरमाइंड रद्दी चौकी इलाके में रहने वाला मजीद नामक व्यक्ति है।
आमतौर पर शाम को बिजली विभाग के कर्मचारी रीडिंग के लिए नहीं आते, इसलिए शाम को मीटर निकाल कर अगली सुबह तक मीटर लोगों के घर में लगा दिया जाता था। इस दौरान जिन घरों से मीटर निकाले जाते थे, उनकी लाइन डायरेक्ट कर दी जाती थी।
मजीद बिजली मटेरियल सप्लाई का काम करता था और बिजली विभाग से जुड़े होने के कारण उसे इस काम की पूरी जानकारी थी। कैलाश कोरी के घर से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने मजीद के घर पर भी छापा मारा। मजीद के घर से बिजली कंपनी के कई दस्तावेज और मीटर छेड़छाड़ करने के औजार भी बरामद किए गए हैं। साथ ही, वह सील भी मिली जो स्मार्ट मीटरों को लगाने के दौरान नट के ऊपर लगाई जाती है।
मीटर में शंट लगाने वाला पूरा गिरोह काम कर रहा है। मजीद और कैलाश के अलावा और भी सदस्य हो सकते हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
-संजय अरोरा, एसई, सिटी सर्किल
100 से ज्यादा स्मार्ट मीटरों में छेड़छाड़ हुई अधीक्षण यंत्री संजय अरोरा के मुताबिक अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि इस गिरोह ने करीब 100 से ज्यादा स्मार्ट मीटरों में छेड़छाड़ की है। इसके लिए उपभोक्ताओं से 5 से 6 हजार रुपए तक लिए जाते थे।
उन्होंने यह भी बताया कि कैलाश कोरी के मोबाइल से और भी कई नाम सामने आ सकते हैं। अभी तक प्रेमलता ठाकुर सहित कई अन्य उपभोक्ताओं के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने कैलाश और मजीद की गैंग से अपने मीटरों में छेड़छाड़ करवाई है।
कैलाश कोरी और मजीद के खिलाफ केस दर्ज बिजली विभाग की शिकायत पर घमापुर पुलिस ने कैलाश कोरी और मजीद के खिलाफ भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138, 139, 150 और 151 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का मानना है कि कैलाश और मजीद की गिरफ्तारी के बाद गिरोह के बाकी सदस्यों का भी पता चल सकेगा। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।