मुरैना पुलिस लाइन में पदस्थ टीआई रामबाबू ने एसपी समीर सौरभ पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन दिया है।
टीआई रामबाबू ने कहा है कि नौकरी में लोड बहुत ज्यादा है, सह नहीं पा रहा हूं। आत्महत्या न कर लूं, इसलिए वीआरएस लेना ठीक समझा। टीआई ने कहा कि पुलिस विभाग में जो दबाव है, वैसा दबाव मैंने अपनी 37 साल की नौकरी में कभी नहीं देखा।
टीआई ने कहा- विभाग में काम करते है तो दबाव होता है। मेरा सोचना है कि इंसान पर दबाव होता है तो उस दबाव के कारण लोग आत्महत्या कर लेते हैं। मैं उनमें से नहीं हूं कि आत्महत्या करूं। अगर मेरे साथ कुछ हुआ है तो मैं विभागीय तौर पर उसका जवाब दूंगा। पीछे से कोई सवाल नहीं छोड़ूंगा। जरूरत पड़ेगी तो और ऊपर जाऊंगा।
एसपी साहब काम का श्रेय नहीं देते टीआई रामबाबू यादव ने कहा कि उन्होंने जिले में कई बड़े आपराधिक मामले उजागर करने का काम किया। उन्होंने रिठौरा थाने में लुटेरों का शॉर्ट एनकाउंटर और जौरा थाने में 50 लाख की डकैती जैसे बड़े मामले गिनाए और कहा कि इन केस को सॉल्व करने में उनकी बड़ी भूमिका रही है। लेकिन एसपी साहब इसका श्रेय दूसरी टीम को दे रहे हैं। टीआई ने कहा- एसपी साहब इसे पूरी टीम का काम बता रहे हैं, यह गलत है। इसलिए अच्छा काम करने से कोई मतलब नहीं है।
टीआदई ने कहा- एसपी के हाथ में सौंपा इस्तीफा
एसपी बोले- उन्हें बुलाकर समझाएंगे एसपी समीर सौरभ ने कहा कि टीआई ने वीआरएस के लिए लेटर दिया है। यह बात सही है। एसपी ने टीआई को लेकर कहा कि वह अच्छा काम करते हैं। उनको समय-समय पर मैंने उत्साह भी बढ़ाया है।
एसपी ने कहा कि जौरा केस में टीआई रामबाबू ने अच्छा काम किया है, लेकिन यह पूरी टीम का वर्क है। सभी लोग इसमें मिलकर काम कर रहे थे तो क्रेडिट भी पूरी टीम को जाना चाहिए। वह चाह रहे कि मैं उनके कहने पर दूसरी टीम का मनोबल गिरा दूं यह कैसे संभव है।
एसपी ने कहा कि अभी शनि मेले में उनकी ड्यूटी है। मेले के बाद उनको बुलाकर समझाएंगे।