हरदा से पैदल भोपाल आ रहे विस्फोट के पीड़ित
हरदा में नौ माह पहले पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के मामले में कांग्रेस ने मोहन सरकार को घेरा है। दरअसल, सोशल मीडिया पर हरदा से पैदल भोपाल आ रहे विस्फोट प्रभावितों के वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसके लिए हरदा कलेक्टर और एसपी को जिम्मेदार ठहराते हुए पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पर ट्वीट कर कहा है कि भाजपा सरकार प्रशासन के माध्यम से मजबूर जनता का शोषण और दमन करने पर उतारू है। हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ित पिछले 9 महीनों से मुआवजे की आस में दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है।
सिंघार ने इस मामले में मुख्यमंत्री से पांच सवाल पूछे हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार जनता की दुश्मन और जन-विरोधी बन चुकी है। मौन यादव (मोहन यादव) मुंह पर उंगली रख के बैठे हैं, अब यह असहनीय है।
सिंघार ने जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें पीड़ित से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बात कर उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं और पीड़ित कह रहे हैं कि किडनी खराब है, मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। सिंघार ने इस घटना के समय विधानसभा में दिया गया अपना वक्तव्य भी ट्वीट किया है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से किए ये सवाल
प्रधानमंत्री और सीएम मोहन यादव द्वारा मुआवजे की घोषणा के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या भाजपा सरकार की घोषणाएं सिर्फ खोखले वादे हैं?
हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह और एसपी अभिनव चौकसे किसके इशारे पर नसरुल्लागंज जाकर पीड़ितों को रोक रहे हैं ? क्या ये उनकी अपनी मनमानी है या मौन यादव (मोहन यादव) की चुप्पी का समर्थन है?
हरदा ब्लास्ट पीड़ितों को कब न्याय मिलेगा? घर खंडहर होने वालों को 25 लाख का मुआवजा, मृतकों के परिवारों को मदद और घायलों का हक कब पूरा होगा?
प्रशासन और सरकार हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रही है। क्या यह साफ नहीं दिखता कि जनता के प्रति उनका रवैया सिर्फ दमनकारी है?
मुख्यमंत्री मौन यादव और प्रशासन क्यों बार-बार पीड़ितों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रहे हैं? आखिर जनता की फरियाद पर ये कब तक चुप रहेंगे?