मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली दरों की संभावित बढ़ोतरी से कुछ समय के लिए मिली राहत
मध्य प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को बिजली दरों में होने वाली संभावित बढ़ोतरी से कुछ समय के लिए राहत मिल गई है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों को बढ़ाने संबंधी दायर याचिका को नए नियम के अनुसार संशोधित कर पेश करने के आदेश दिए हैं। मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी सहित प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने बिजली दरों को बढ़ाने जाने को लेकर आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी।
30 नवंबर को लगाई थी याचिका
मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने एक अप्रैल 2022 से बिजली की नई दरों को लागू कराए जाने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए दावा-आपत्तियां भी मंगाई जा चुकी थीं। अपना पक्ष मजबूत करने के लिए केविएट भी दायर की गई थी।
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 30 नवंबर 2021 को इस संबंध में याचिका लगाई थी। इसके बाद तीन दिसंबर 2021 को नियम एवं शर्ताें के अधिनियम का नया एक्ट लागू कर दिया गया। इस तरह से आयोग के समक्ष 30 नवंबर को लगाई याचिका पर वैधनिकता का संकट खड़ा हो गया। इसकी वजह से नियामक आयोग ने मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी की याचिका यह कहते हुए उसे लौटा दी कि वो नए रेग्यूलेशन (नियम) के अनुसार याचिका में आवश्यक संशोधन करके पुन: उसके समक्ष प्रस्तुत करे।
अब यह होगा असर
याचिका वापस कर दिए जाने के मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी अब एक अप्रैल 2022 से बिजली की नई दरें लागू नहीं कर पाएगी। उसे याचिका लगाने के लिए सिरे से दावे-आपत्तियां मंगवानी पड़ेंगी। नए एक्ट के अनुरूप याचिका में संशोधन भी करना पड़ेगा। इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम तीन माह लग जाएंगे।
इसके बाद आयोग याचिका स्वीकार करेगा और उस पर सुनवाई होगी। जानकारों का मानना है कि आयोग के ताजा निर्देश के चलते लोगों को तीन से चार महीनों की राहत मिल सकती है। हालांकि, इसके बाद उन्हें आयोग की ओर से सुनिश्चित की गई नई दरों के अधार पर ही बिजली-बिलों का भुगतान करना पड़ेगा।