चित्रों के जरिए मन के भावों को अभिव्यक्ति करते कलाकार की कलाकृतियां इन दिनों आनलाइन कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई है। शहर की संस्था आर्ट मेट द्वारा आनलाइन कला प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें इन दिनों नागपुर में रह रहे युवा कलाकार महेश महादेव मानकर के चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। मन के भावों को इन्होंने रेखा और रंग के माध्यम से कागज व कैनवास पर उतारा जिसमें से चुुनिंदा कृतियों को यहां प्रदर्शित किया गया है।
इनकी कृतियों की खास बात यह है कि इसमें मूर्त और अमूर्त दोनों ही शैलियों का समावेश है साथ ही प्राचीन और आधुनिक विचारधारा का भी समागम है। यह सुंदर संजोग बिते करीब दो दशक से अपने रचनाकर्म में उतारने का काम महेश कर रहे हैं। कला का संबंध मन और बुद्धी दोनों से ही है इस बात को इनके रचनाकर्म में साफ तौर पर देखा जा सकता है जिसमें इन्होंने यह बताने का प्रयास किया कि व्यक्ति या तो समाज द्वारा मुर्ख बनता है या दूसरों को मूर्ख बनाता है। पर इन दोंनो ही परिस्थितियों को शब्दों से व्यक्त नहीं कर पाता। इसी बात को इन्होंने चित्रकारी के जरिए व्यक्त किया है। ‘वाटरकलर आर्टिस्ट’ के रूप में पहचान बना चुके महेश ने इन चित्रों को अब एक्रेलिक, चारकोल और मिक्समीडिया से बताया है।

नागपुर विश्वविद्यालय से एमएफए कर गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुके महेश की कला विदेश में भी सराही गई। इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि अभी तक यह 25 से 30 देशों में वर्कशॉप और प्रदर्शनी के जरिए भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके अलावा रूस में यह वर्कशॉप, मास्टर क्लास, समूह व एकल कला प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं। इनकी कलाकृतियां आर्टमेट संस्था के फेसबुक पेज पर देखी जा सकती है।