जबलपुर में शराब ठेकेदार के कर्मचारियों की पिटाई
बात सुनने में अजीब लग सकती है, लेकिन सिहोरा थाना पुलिस से मिली जानकारी में बताया गया है कि कुछ लोगों ने शराब ठेकेदार के कर्मचारियों को पीट दिया है। पुलिस ने आरोपितों के विरूद्ध मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।सिहोरा थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ज्वालामुखी निवासी जगमोहन पटैल ने शिकायत दर्ज कराई है कि वह सिहोरा कलारी में काम करता है। 28 जनवरी की रात वो अपने साथी राहुल बर्मन, जितेन्द्र बर्मन, आनंद पटैल, दिनेश पाण्डे के साथ कम्पनी की कार क्रमांक एमपी 20 बीए 5972 पर सवार होकर आबकारी नाके पर गया था। वहां अवैध शराब का परिवहन करने वालों को पकड़ने के लिए पूछताछ की जा रही थी।उन लोगों के साथ चैकिंग में आबकारी विभाग के भी कुछ कर्मचारी रहे। इसी बीच उन लोगों के पास ग्राम गौरहा निवासी लखन पटैल, लालू पटैल एवं एक अन्य शराब के नशे में धुत होकर आए। वे तीनों उसके साथ गाली-गुफ्तार करने लगे। राहुल बर्मन ने उनको ऐसा करने से मना किया तो वो उलझ पड़े। इसी बीच एक सफेद रंग की बोलेरो कार पर सवार होकर तीन-चार और लोग आ गए।
इन सभी ने उन लोगों के साथ मारपीट करते हुए उनकी गाड़ी को तोड़ डाला। राहुल बर्मन के सिर बांए पैर और जबड़े पर चोटों का आना बताया गया है। जिसे गहन उपचार के लिए मेडीकल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर सभी आरोपितों के विरूद्ध धारा 294, 323, 324, 427, 506 व 34 के तह प्रकरण दर्ज कर आरोपितों की तलाश प्रारंभ कर दी है।लोगों को नहीं हो पा रहा भरोसा: यह घटना कहानी के हिसाब से सामान्य लगती है, लेकिन सिहोरा में कोई भी पचा नहीं पा रहा है कि शराब ठेकेदार- जिसके पास दर्जनों गुर्गे होते हैं, चौतरफा जिसकी पैठ होती है, उसके लोगों पर कोई हाथ उठाकर निकल जाए। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आबकारी विभाग का तो काम ही है शराब के लिए पकड़-धकड़ करना, लेकिन ठेकेदार के कर्मचारी आबकारी अमले के साथ क्या कर रहे थे? जब तब कथित हमलावर पक्ष सामने नहीं आता तब तक इस घटना पर रहस्य के बादल छाए रहेंगे।