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तामिलनाडू में रेस्क्यू किए गए 11 नाबालिगों को छत्‍तीसगढ़ के कांकेर लेकर पहुंची टीम

अधिक मजदूरी देने का लालच देकर दलाल के जरिए दूसरे राज्‍य पहुंचे 11 नाबालिगों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया है। बोरगाड़ी, कपड़ा फैक्‍टरी और ईंट भट्ठे में कार्य करने के लिए कांकेर जिले से तामिलनाडु ले जाए गए नाबालिगों को तामिलनाडु में रेस्क्यू किया गया। तामिलनाडु पुलिस व चाइल्ड लाइन की टीम रेस्क्यू किये गए नाबालिग बच्चों को लेकर बुधवार को कांकेर पहुंची। जहां उन्हें सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत किया गया। सीडब्ल्यूसी ने बच्चों को उनके स्‍वजनों तक पहुंचाने का आदेश दिया है।

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कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र से आठ नाबालिग लड़कियों को ईंट भट्टे में काम कराने ओर प्रतिदिन साढ़े तीन सौ रुपये मजदूरी देने का लालच देकर दलाल अपने साथ तामिलनाडू लगा गया। जहां 20 नवंबर को हिंरोद जिले के रेल्वे स्टेशन पर सीसीआरएस की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से सभी आठ नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू कर लिया।

इन बच्चों को स्थानीय बालक कल्याण समिति में प्रस्तुत करने के लिए सेलम के बालगृह में रखा गया था। जिसके बाद टीम ने केटी बोरवेल की बोरगाड़ी में काम करने वाले दो नाबालिग किशाेरों को और पोल्ट्री फार्म में अंडे एकत्रित करने का कार्य करने वाली एक नाबालिग किशोरी को रेस्क्यू किया था। सभी ग्याहर नाबालिग बच्चों को टीम बुधवार को कांकेर लेकर पहुंची, जिसमें 9 बच्चे कांकेर, एक काेंडागांव और एक नारायणपुर जिले के रहने वाले हैं। सभी बच्चों को बालक कल्याण समिति कांकेर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति ने बच्चों को उनके परिजनों को सौंपने का आदेश दिया है। जिसके बाद परिजनों को इसकी सूचना दे दी गई। सभी बच्चों को बालगृह में रखा गया है।

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