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सावधानी है जरूरी क्योंकि…गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों का शिकार कर रहा है कोरोना संक्रमण

दिसंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू हुई कोरोना की तीसरी लहर में अब तक तीन दर्जन से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें 17 साल के किशोर से लेकर 95 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कोरोना की तीसरी लहर उन लोगों पर भारी पड़ रही है जो मधुमेह, रक्तचाप, ह्रदय रोग, कीडनी रोग जैसे गंभीर रोग से पीड़ित हैं।

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विशेषज्ञों के मुताबिक इन बीमारियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य से कम हो जाती है। ऐसे मरीजों पर जब कोविड-19 वायरस का आक्रमण होता है तो रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से शरीर वायरस से लड़ नहीं पाता। वायरस के हावी होते ही मरीज की स्थिति बिगड़ने लगती है। जरूरी है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित हर व्यक्ति समय पर कोरोना के दोनों टीके लगवा लें।

टीके की वजह से घातक नहीं रही तीसरी लहर

कोरोना की तीसरी लहर के दौरान जनवरी में 45 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले लेकिन इनमें से कुछ ही लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी। दरअसल शहर की 80 प्रतिशत जनसंख्या को कोरोना के दोनों टीके लग चुके हैं। टीकों की वजह से शरीर में बनी एंटीबाडी ने वायरस का हमला होने पर जमकर सामना किया और वायरस को हरा दिया। यही वजह है कि ज्यादातर लोगों में बीमारी के कोई गंभीर लक्षण भी नजर नहीं आए।

इन बातों का रखें ध्यान

– शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें, बहुत जरूरी होने पर ही सार्वजनिक स्थानों पर जाएं।

– घर से बाहर निकलते वक्त मास्क अनिवार्य रूप से पहनें।

– समय पर कोरोना के दोनों टीके जरूर लगवाएं, जिन लोगों को कोरोना के दोनों टीके लग चुके थे उनमें बीमारी गंभीर रूप नहीं ले सकी।

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