इंदौर पुलिस और आसूचना ब्यूरो (आइबी) ने शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों, उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, विमानतल, राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) की सुरक्षा रिपोर्ट बनाई है। ज्यादातर स्थानों की सुरक्षा लचर पाई गई है। कई जगह कैमरे तक नहीं हैं तो कुछ स्थानों पर आने-जाने का एक ही रास्ता है। आतंकी खतरों को देखते हुए सुरक्षा आडिट चल रहा है। पुलिस ने आतंकी खतरे का सामना करने के लिए 25 जवानों का दस्ता ‘स्पेशल-25’ भी बनाया है। इसमें 5 फीट 11 इंच लंबे जवानों को ही रखा है। सभी को अत्याधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र के अनुसार यह प्रोएक्टिव पुलिसिंग का अंग है। दिल्ली, मुंबई में हुए हमलों को देखते हुए संवेदनशील स्थानों का सुरक्षा आडिट करवाया है। पुलिस उपायुक्त (आसूचना) रजत सकलेचा और आइबी की टीम खजराना गणेश, बड़ा गणपति, मंदिर, बिजासन माता मंदिर, नाहरशाह वली दरगाह सहित उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, आरआर कैट और एयरपोर्ट का गोपनीय दौरा कर चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार सभी स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किए जाने की गुंजाइश है।
खजराना मंदिर के लिए प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी है। उच्च न्यायालय में प्रवेश की व्यवस्था को मजबूत करने की भी जरूरत बताई है। यहां बार एसोसिएशन की मदद से वकीलों के पहचान पत्र भी बनाए जा सकते हैं। सुरक्षा के मानदंडों पर जिला न्यायालय की हालत ज्यादा खराब है। प्रवेश और निकासी द्वार पर कोई सतर्कता नहीं है। परिसर में कैमरे भी नहीं लगे हैं। उच्च न्यायालय और आरआर कैट में सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ का बल बढ़ाने की सलाह दी गई है।
स्पेशल-25 को देंगे हथियार चलाने का प्रशिक्षण
यह पहला अवसर है, जब इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षा सुधार पर कार्य चल रहा है। आइबी, सीआइएसएफ और पुलिसवालों को भी साथ रखा गया है। पुलिस उपायुक्त (आसूचना) रजत सकलेचा ने पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र को एक रिपोर्ट भी भेजी है। वहीं आतंकियों से सामना के लिए स्पेशल-25 का गठन हो रहा है। इसमें जिला बल से 5 फीट 11 इंच ऊंचे पुलिस जवानों को ही शामिल किया गया है। उम्र भी 40 वर्ष से कम निर्धारित की है। फिलहाल भोपाल में अत्याधुनिक हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसे अपडेट करने के लिए दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों के प्रशिक्षण केंद्रों की मदद ली जाएगी।