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इंदौर में प्रशासन के हस्तक्षेप से सैटेलाइट हिल्स में आठ लोगों को मिला प्लाट का कब्जा

 प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद भूमाफिया चंपू अजमेरा और कैलाशचंद्र गर्ग की भागीदारी वाली सैटेलाइट हिल्स कालोनी में आठ पीड़ित लोगों को उनके खरीदे गए प्लाट का कब्जा दे दिया गया है। ये वे पीड़ित हैं जिनको चंपू ने प्लाट की रजिस्ट्री तो कर दी थी, लेकिन कब्जा नहीं दिया था। चंपू और गर्ग के बीच विवाद के कारण वर्षों से भूखंड खरीदार परेशान हो रहे थे।

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इस कालोनी में लगभग 76 लोग ऐसे हैं जिनको भूमाफिया चंपू ने भूखंड की रजिस्ट्री कर दी थी, लेकिन इसका कब्जा नहीं दिया गया है। इन्हीं भूखंडों पर बाद में गर्ग ने फर्जी तरीके से बैंकों से 110 करोड़ रुपये का लोन ले लिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा चंपू और गर्ग पर लगातार यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह पीड़ितों को उनके प्लाट सौंपे। प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से चंपू और गर्ग से कई दौर की बातचीत के बाद केवल चंपू भूखंड देने के लिए तैयार हुआ है, जबकि गर्ग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

पीड़ितों को हक देने की बात पर चंपू को मिली है जमानत – उल्लेखनीय है कि फीनिक्स टाउनशिप, कालिंदी गोल्ड सिटी और सैटेलाइट हिल्स कालोनी में भूखंड खरीदारों से धोखाधड़ी के कारण ही चंपू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और उसे जेल भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसे इसीलिए अंतरिम जमानत मिली है कि वह पीड़ितों को उनका हक देगा। इसी कारण चंपू भूखंड के कब्जे देने के लिए तैयार हुआ है। सैटेलाइट हिल्स कालोनी में प्रशासन की टीम ने तीन-चार दिन पहले जमीन का सर्वे किया। इसके बाद इसे कालोनी के नक्शे से मिलान करते हुए लेआउट के आधार पर भूखंडों का आवंटन और कब्जा शुरू किया है।

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