ग्वालियर में ईएनटी विशेषज्ञ डा. भल्ला से 26 लाख की ठगी, जानें कैसे बनाया शिकार
दो लोगों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर डा. एएस भल्ला से 26 लाख रुपये ठगने का प्रयास किया। इसकी शिकायत डा. एएस भल्ला ने पड़ाव थाने में दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है। आरोपित डा. भल्ला के खिलाफ दिल्ली में मुकदमा दर्ज करा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि बसंत विहार में रहने वाले ईएनटी विशेषज्ञ डा. एएस भल्ला ने शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि देवराज गर्ग और अभिषेक दत्त उनके साथ ठगी करना चाहते हैं।
असल में डीपीएस स्कूल में देवराज गर्ग की बसें चलती हैं। इन बसों पर चलने वाले चालक, क्लीनिर का पीएफ काटा जाना चाहिए था, लेकिन देवराज गर्ग ने अपने स्टाफ का पीएफ जमा नहीं किया। जब पीएफ विभाग ने इसकी जांच की तो स्कूल पर करीब 45 लाख रुपये की रिकवरी निकली। जिस पर स्कूल प्रबंधन ने देवराज से बस पर चलने वाले स्टाफ के पीएफ की रकम जमा करने का दबाव बनाया। जब देवराज ने रकम जमा नहीं की तो स्कूल को यह रकम अदा करनी पड़ी, लेकिन बाद में देवराज और स्कूल प्रबंधन के बीच 26 लाख रुपये स्कूल खाते में जमा करने का समझौता लोकअदालत में निपटा, लेकिन देवराज और अभिषेक ने दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने 40 लाख रुपये डा. एएस भल्ला को दिए। जबकि डा. भल्ला का कहना है कि इस लेनदेन से उनका कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि पीएफ की 26 लाख की रकम स्कूल प्रबंधन को देवराज द्वारा दी गई।
कमेटी ने तीन लाख रुपये की छूट भी दी थीः देवराज को अपने स्टाफ का पीएफ जमा करने के लिए 29 लाख रुपये देना थे, लेकिन देवराज ने इतनी बड़ी रकम अदा करने में असमर्थता जताई। इस पर स्कूल की एक कमेटी गठित की गई, जिसमें अभिषेक दत्ता भी शामिल थे। उसमें यह तय हुआ कि देवराज से 29 के स्थान पर 26 लाख रुपये ही लिए जाएं। डा. भल्ला का पुलिस से कहना है कि अभिषेक दत्ता और रचना डालमिया सहित अन्य पर तीन करोड़ रुपये के गबन का मामला पुरानी छावनी में दर्ज है। इस मामले में राजीनामा कराने के लिए यह दबाव बनाने के लिए हथकंडे अपना रहे हैं।
वर्जन-
जांच में पाया कि देवराज ने लोकअदालत में कुछ बयान दिए, दिल्ली में शिकायत की वहां पर कुछ और पड़ाव थाना पुलिस द्वारा की गई जांच में अलग बयान दिया। आरोपितों पर केस दर्ज किया है।