ग्वालियर में मौसम बिगड़ा: डबरा मे बूंदाबांदी, शहर में छाए बादल, एक हफ्ते तक जारी रहेगा उतार-चढ़ाव
राजस्थान में बने चक्रवातीय घेरे से शहर सहित जिले का मौसम बिगड़ गया। डबरा में बूंदाबांदी हुई, जबकि शहर में बादल छाए रहे। इससे दिन में ठंडक बढ़ गई। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में बादल छाने की संभावना है, लेकिन बारिश नहीं होगी। बादलों के चलते न्यनतम तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है और अधिकतम में गिरावट आ सकती है। 6 फरवरी को एक और पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है, जिसकी वजह एक हफ्ते तक मौसम में बादल, तेज हवा का दौर जारी रहेगा। मौसम का यह उतार-चढ़ाव फसलों के लिए अच्छा नहीं है। तेज हवा से फसलों के लेटने की आशंका है, जिससे फसलों को नुकसान हो सकता है।
जम्मू कश्मीर से पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है, जिसकी वजह से राजस्थान में चक्रवातीय घेरा बन गया है। इस घेरा असर सबसे ज्यादा असर राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। ग्वालियर चंबल संभाग के भिंड व मुरैना प्रभावित हुए हैं, लेकिन ग्वालियर में दोपहर में काली घटाएं छा गई और तेज हवाएं चलने लगी। इससे अधिकम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज हुई। सामान्य से 3.4 डिसे अधिक रहा। ठंडी हवा चलने से ठंड का अहसास हुआ, लेकिन रात में ठंड घट गई। हालांकि एक हफ्ते तक इसी तरह का मौसम रहेगा और ठंड से राहत रहने वाली है।
नया पश्चिमी विक्षोभ बदलेगा मौसम
– वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ कश्मीर से गुजर रहा है। इसका असर 5 फरवरी तक रहेगा। इसके कमजोर पड़ने के बाद 6 फरवरी को नया पश्चिमी विक्षोभ आ जाएगा। इस पश्चिमी विक्षोभ का असर 9 फरवरी तक रहेगा। इस पश्चिमी विक्षोभ से बादल छाने के आसार रहेंगे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है।
– पश्चिमी विक्षोभों के गुजरने के बाद 10 फरवरी से मौसम में बदला देखा जा सकता है। ठंड की एक बार वापसी होगी।
– पिछले पांच दिन में आए मौसम के बदलाव से पेड़ों में पतझड़ भी आ गया है।
अधिकतम तापमान-26.8 डिसे
न्यूनतम तापमान-11.3 डिसे
पारे की चाल
समय तापमान
05:30 13.4
0830 14.0
11:30 20.4
14:30 25.6
17:30 23.4
इनका कहना है
– ग्वालियर में 24 घंटे में बारिश के आसार नहीं है। बादल छाने से दिन के तापमान में एक से डेढ़ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हो सकती है। रात का तापमान स्थिर रह सकता है। 6 फरवरी से नया पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। इससे भी मौसम बदलेगा।
वेदप्रकाश सिंह, रडार प्रभारी मौसम केंद्र भोपाल
– यदि बारिश होती है तो फसलों को काफी नुकसान हो सकता है। हवा चल रही है। मिट्टी गीली होने पर फसलों के लेटने का खतरा है। सरसों, चना, मटर, मसूर में यह नुकसान की संभावना है।
प्रो. राज सिंह कुशवाह, कृषि वैज्ञानिक