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जबलपुर के ड्रोन हादसे में पुलिस आज ले सकती है ड्रोन उड़ाने वाले के बयान

 मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान हुए ड्रोन हादसे में कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। कृषि विभाग की झांकी और उसमें ड्रोन का जीवंत प्रदर्शन करने के लिए विभाग की ओर से एसडीएम से ड्रोन उड़ाने की स्वीकृति ली गई थी जबकि पुलिस ने स्वीकृति नहीं ली। इतना ही नहीं स्वीकृति लेते वक्त पत्र में यह भी लिखा गया कि यदि उनके द्वारा काेरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता तो प्रशासन उन पर कार्रवाई कर सकती है। कोरोना गाइडलाइन का पालन तो दूर उल्टे ड्रोन उड़ाते वक्त वह कलाकारों पर गिर गया, जिससे उनके सिर पर गंभीर चोट आई। इसके बार भी विभाग और प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

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गंभीर नहीं विभाग : मदनमहल थाना प्रभारी ने कृषि विभाग को हादसे की जांच कर रिपोर्ट देने कहा है, लेकिन सोमवार को इस नोटिस को लेकर विभाग गंभीर नहीं दिखा। विभागीय अधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि उनके पास पुलिस की ओर से कोई नोटिस नहीं आया। वहीं दूसरी ओर मदनमहल पुलिस ने छह दिनों में सिर्फ दोनों घायलाें का ही बयान दर्ज किया है। न तो ड्रोन उड़ाने वाले से पूछताछ की गई और न ही कृषि विभाग के जिम्मेदारों से पूछताछ हुई। पुलिस ने विभाग को नोटिस भेजकर अपनी जांच ठंडी कर ली।

21 किलो था वजन : ड्रोन हादसे में यह बात सामने आई है कि जिन ड्रोन को उड़ाया जा रहा था, वह सामान्य ड्रोन की तुलना में कई गुना वजनी था। ड्रोन जानकारों के मुताबिक उसका वजन लगभग 21 किलो था। इसमें पांच लीटर की टंकी लगी थी, जिसमें सैनिटाइजर भरा था। इतनी वजनी ड्रोन को भीड़ में उड़ाने की स्वीकृति लेने पर अब विभाग ही सवालों के घेरे में आ गया है। अभी तक इस हादसे का दोषी ही तय नहीं हुआ है।

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