नेपाल में बेच दी चोरी की घड़ियां, मुसिबत में पड़ गई इंदौर पुलिस
घड़ियां चोरी की जांच कर रही इंदौर पुलिस बड़ी मुसिबत में है। जद्दोजहद के बाद घड़ियां खरीदने वाले व्यापारी को पकड़ तो लिया लेकिन उसने भी घड़ियां नेपाल में बेच डाली। पुलिस अब रिमांड तो ले रही है लेकिन घड़ियां जब्त नहीं हुई है। ऐसे में केस कमजोर होने का डर सताने लगा है।
वाकया अन्नपूर्णा थाने का है। पिछले साल चार नवंबर को नितिन यादव ने लाखों रुपये की घड़ियां चोरी की रिपोर्ट की थी। जांच के बाद पुलिस ने नईम, निजाम व गोविंद सहित पांच चोरों को पकड़ लिया। चोरों ने घड़ियां चुराना स्वीकार लिया लेकिन यह भी कहा कि उनके द्वारा चुराई घड़ियां मोतीहारी (बिहार) के हसन ताजुद्दीन को बेच दी थी। पुलिस ने हसन को भी नेपाल बार्डर से पकड़ लिया, लेकिन हसन ने यह कहकर पुलिस की नींद उड़ा दी कि उसने चोरी की घड़ियों नेपाल में फुटकर व्यापारियों को बेच दी।
पुलिस अब हसन से घड़ियां जब्त करने के लिए मशक्कत कर रही है। अफसरों का कहना कि घड़ियां नहीं मिली तो हसन के खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं मिलेंगे। उससे चोरी के माल से मिले रुपये जब्त कर काम चलाना पड़ेगा।
रॉ की सूचना पर नेपाल से पकड़कर लाई है पुलिस
दरअसल हसन घोड़ासन की चादर गैंग का सदस्य है। चादर गैंग देशभर में चोरी के लिए कुख्यात है। चादर की आड़ लेकर चोरी करने का इनका अंदाज ही अनोखा है। कुछ सदस्य शोरूम के बाहर चादर लगाकर सो जाते हैं और कुछ अंदर घुसकर शोरूम खाली कर देते हैं। हसन चोरों से चोरी का माल खरीदता है। उस माल को वह नेपाल के काठमांडू शहर में ठिकाने लगाता है। बिहार के कई गिरोह नेपाल में ही चोरी का माल बेचने जाते है। अन्नपूर्णा थाना पुलिस ने हसन की गिरफ्तारी नेपाल सीमा से दर्शाई है लेकिन उसे पकड़ा तो नेपाल से ही है।
पुलिस ने नईम, निजाम के बयान के आधार पर हसन का गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया था। नेपाल भागने के कारण उसे पकड़ना आसान नहीं था, लेकिन पिछले दिनों हसन नेपाल पुलिस के हत्थे चढ़ गया। एजेंसी ने रॉ से संपर्क उसके होने की जानदारी दी। रॉ ने सीबीआइ व सीआइडी से जानकारी साझा की और पुलिस उसे इंदौर ले आइ।