प्रदेश में परिवहन मंत्री अस्त दलाल मस्त
1-परिवहन दलालों का खुला चेलेंज फर्जी आरसी को बनवाते है असली
2-सागर परिवहन ऑफिस है देश में चोरी की गाड़ियों का स्वर्ग
3-देशभर की चारी की गाड़ियों को जारी होता है नया नंबर
4-चोरी के वाहनों के चेसिस पर दलाल अंकित करते है नया नंबर
5-परिवहन दलालों का खुला चेलेंज कोई पकड़ सके तो पकड़े
6-चोरी के डंपर, हाइवा, जेबीसी और मल्टी टॉयर ट्रक का बड़ा धंधा
7-परिवहन ऑफिस सागर में फल फूल रहा है गोरखधंधा
8-परिवहन मंत्री को जाती है हर माह निश्चित रकम
उदय प्रताप सिंह चौहान
हमारे यहां चोरी के वाहन नंबर-1 में करके बेचे जाते है। चोरी के वाहन के लिए संपर्क करें। नोटः- हमारे यहां बेचे गए वाहन भारत का कोई भी RTO चोरी का साबित नहीं कर सकता।
खुल्ला चैलेंज ट्रक नं. MP 15 HA1248, CG07BU7189.यह ट्रक हमारे व्दारा खुरई में दिए गए है चोरी के वाहन है दोनों जो कि आज 1 नं. में है। जितेन्द्र रघुवंशी 9827660273,9589747940।
उपरोक्त विजिटिंग कॉर्ड मध्य प्रदेश के हर जनपद में खुल्ला घूम रहा है। पुलिस, परिवहन के अधिकारी अथवा किसी भी प्रशासनिक अधिकारी में इतना साहस नहीं जो इस विजिटिंग कॉर्ड को चेलेंज कर सकें। उक्त विजिटिंग कॉर्ड में जिन गाड़ियों का उल्लेख किया गया है उन्हें खुरई निवासी राहुल टोंटे और सागर निवासी राजेश कुमार टोंटे व्दारा संचालित किया जा रहा है। दरअसल यह तो एक छोटी सी बानगी है। कहानी और ज्यादा लंबी है। मध्य प्रदेश का सागर जिला परिवहन आफिस परिवहन के दलालों का स्वर्ग बना हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी सागर जिले के ही निवासी है। मगर परिवहन अधिकारियों और दलालो को इस बात से रत्तीभर भी फर्क नहीं पड़ता है।
न्यूज क्राइम फाइल को परिवहन विभाग के एक सूत्र ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि परिवहन मंत्री का सजंय श्रीवास्तव नाम का एक व्यक्ति सागर ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के समस्त परिवहन दफ्तरों से लेकर टोल नाकों से मासिक अवैध वसूली करता है और सारा पैसा एकत्र कर निश्चित स्थान पर पहुंचाने का काम करता है। संजय श्रीवास्तव का मोबाइल नंबर मध्य प्रदेश के हर आला परिवहन अधिकारी और टोल नाकों पर तैनात निरिक्षकों के मोबाइल फोन में दर्ज है। खैर जब परिवहन मंत्री ने ही अपना आदमी भ्रष्टाचार की वसूली के लिए रखा है तो फिर कौन परवाह करेगा आम आदमी के दुख-दर्द की। परिवहन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि सारे कुएं में ही भांग पड़ी है लिहाजा मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो सकता। मध्य प्रदेश में चोरी के वाहन देश के पूर्वोत्तर इलाके, राजस्थान, हरियाणा और ओडिशा से चोरी करके लाए जाते है। जिनका चैसिस नंबर बदल कर वाहन का नया पंजीकरण हासिल कर लिया जाता है। न्यूज क्राइम फाइल के हाथ लगी एक अहम जानकारी को इस कथा के साथ प्रकाशित किया जा रहा है। जिससे पता चलता हैं कि परिवहन विभाग में दलालों का नेटवर्क किस हनक के साथ काम करता है। चोरी का वाहन मामूली पैसों में खरीदने वाला व्यक्ति किसी जितेंद्र रघुवंशी नाम के व्यक्ति को फोन करता है और कहता कि आपका नंबर ललितपुर वाले सियाराम दाऊ जी ने दिया है। मुझे एक चोरी का डंपर चाहिए। इस वार्तालाप के बाद दलाल फौरन खरीदने वाले व्यक्ति के मोबाइल फोन पर डंपर की फोटो और वाहन को देखने परखने की जानकारी भेज देता है। खरीदने वाला कहता है ठीक है मुझे गाड़ी दिखाओ। दलाल कहता है गाड़ी तो दिखा देंगे पर सौदा 8 लाख का है आपको नंबर एक का नया रजिट्रेशन मध्य़ प्रदेश के सागर जिले का बना कर देंगे उसका खर्चा भी इसी में शामिल है और अगर गाड़ी पर फाइनेंस करवाना है तो उस पर प्राइवेट फाइनेंस भी करवा देंगे। जब सौदा तय हो जाता है तो दलाल खरीददात को हरियाणा के सोहना, पलवल, नहूं, भिवाड़ी या गुड़गांव को किसी दूर दराज के गांव में लेकर जाता है। जहां गन्ने के खेतों के बीच में खड़ा डंपर दिखाया जाता है। सौदा तय होने पर दलाल वाहन को लेकर मध्य प्रदेश आ जाते है। उधर वाहन का स्वामी पुलिस और बीमा कंपनी के दलालों से मिलकर चोरी गए वाहन का क्लेम ले लेता है। इधर दलाल सागर में जाकर वाहन का चेसिस नंबर बदलते है और उस पर नया चेसिस नंबर अंकित करते है सारा काम बेहद सफाई से किया जाता है कि कोई भी उसे देखने पर पहचान नहीं पाता। अब वाहन पर मणिपुर या पूर्वोत्तर के किसी राज्य की आरसी अंकित कर दिखाया जाता है कि वाहन को पूर्वोत्तर से खरीद कर सागर लाया गया है। वहा परिवहन अधिकारी फौरन से पहले नया नंबर जारी करते है और वाहन को मध्य प्रदेश में संचालित करने की अनुमति प्रदान करते है। सारा काम बेहद सुव्यवस्थित तरीके से किया जाता है इस काम के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी दलालों से दो लाख रुपया वसूलते है। सागर में चोरी के वाहनों का सबसे बड़ा दलाल राहुल टोंटे है जिसने चोरी के धंधे से इतना पैसा कमाया कि उसके पास स्वयं के दो चोरी के वाहन है जिन्हें वह बैखौफ होकर मध्य प्रदेश में संचालित कर रहा है।
न्यूज क्राइम फाइल को चोरी का वाहन खरीदने वाले एक व्यक्ति ने उसने चोरी का एक हाइवा ट्रक ललितपुर से सियाराम यादव नाम के दलाल के माध्यम से 18 लाख में खरीदा है। सियाराम यादव उसे ललितपुर के मोहल्ला रानीबाग निवासी हर प्रकाश अग्रवाल के पास लेकर गया। हरप्रकाश अग्रवाल आरटीओ से रिटार्यड कर्मी बताए जाते है। हरप्रकाश ने उन्हें सागर के राहुल टोंटे का नंबर दिया कि वह सारा काम आसानी से करा कर असली आरसी बीमा और फिटनेट सब करवा कर देगा। राहुल टोंटे इस काम का साढे तीन लाख रुपया वसूलता है। इसके बाद खरीददार के हाइवा ट्रक को सागर लेजाकर उस पर नया चैसिस नंबर अंकित कराया गया और नया रजिस्ट्रेशन नंबर हासिल कर ग्राहक को बीमा, फिटनेट रजिस्ट्रेशन सहित टैक्स की रसीद थमा दी गई। इस तरह से चोरी के वाहनों को सागर में नये नंबर के साथ असली करने का खेल किया जा रहा है।
परिवहन विभाग सागर का हर छोटा बड़ा कर्मचारी इस गोऱखधंधे में शामिल है सभी का अपना-अपना हिस्सा है चपरासी से लेकर कैशियर तक और परिवहन अधिकारी से लेकर परिवहन निरिक्षक तक सभी निश्चित रकम पकड़ कर हस्ताक्षर करते है। बताया जाता हैं कि सागर में इस धंधे में अब तक दो सौ से ज्यादा गाड़ियों को नया नंबर जारी करके उन्हं चोरी से असली में तब्दील करने का खेल किया जा चुका है। न्यूज क्राइम फाइल को नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर सागर के परिवहन दफ्तर के एक वरिष्ठ लिपिक बताते हैं कि कौन क्या करेगा सबको पैसा जाता है। परिवहन अधिकारी इस काम के दो लाख रुपये लेते है जिसमें से एक लाख रुपया परिवहन मंत्री को जाता है। जबकि अन्य कर्मचारियों में पचास हजार रुपया बांट कर दलाल एक लाख रुपया खुद रखता है। वाहन स्वामी से चोरी के वाहन को असली करवाने के लिए दलाल साढे तीन लाख रुपये वसूलते है। न्यूज क्राइम फाइल के हाथ चोरी का धंधा करने वाले नेटवर्क से जुड़े लोगों के कुछ नंबर हाथ लेगे है जिन्हें हम यहां प्रकाशित कर रहे है। हसन (फिरोजपुर) 9050546312,9518192473, चौधरी पलवल (हरियाणा) 9991069627,अयूब भिवाड़ी (राजस्थान) 7082930012, 9466796563, सियाराम यादव ललितपुर (उत्तर प्रदेश) 8839098819,9935268561 हरप्रकाश अग्रवाल ललितपुर (उत्तर प्रदेश) 6307795354,9415586420,ब्रजेश शुक्ला ललितपुर (उत्तर प्रदेश) 9889605108 राहुल टोंटे खुरई सागर (मध्य प्रदेश) 9425662326। इन दलालों के नेटवर्क की लिस्ट बहुत लंबी है जो पूर्वोत्तर के राज्यों से लेकर देश के अन्य शहरों तक फैली है। मगर इन सभी दलालों ने मध्य प्रदेश के सागर परिवहन दफ्तर को अपना स्वर्ग बना रखा है जहां परिवहन मंत्री की नाक के नीचे सारे गोरखधंधे को संचालित किया जा रहा है।
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