बंदरों के आतंक से नागरिक हो रहे परेशान
आष्टा। नगर के अधिकांश मोहल्लों में बंदरों के आतंक ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। स्थिति यह है कि स्थानीय लोगों ने घर के बाहर और छत पर जाना बंद कर दिया है। इसके अलावा बच्चों को घर से बाहर नहीं खेलने दे रहे हैं। इसके अलावा दहशत के मारे वे अपने बच्चों को अकेले बाहर भी नहीं भेज रहे हैं।
गौरतलब है कि नगर की हर कॉलोनी में बंदरों के आतंक की वजह से लोगों की जान पर बन आई है। ऐसा कोई दिन नहीं जा रहा, जिस दिन बंदर किसी को घायल करते हो। ये इतना घातक हमला कर रहे हैं कि हफ्तों के इलाज में लोगों के रुपए भी खर्च हो रहे हैं। वहीं पिछले चार महीनों में अनेक लोगों को बंदर काट चुके हैं। अलीपुर, जुम्मापुरा, कन्नाौद रोड, बुधवारा, गंज मोहल्ला आदि स्थानों पर बंदरों का सबसे अधिक आतंक हैं। यहां पर तो बंदरों ने लोगों का जीना हराम कर दिया है। बच्चे बाहर निकलने में घबराने लगे हैं। वहीं, बंदर घर के अंदर तक घुसकर हमला बोल रहे हैं तथा सामान उठाकर ले जाते हैं। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी इस समस्या को इतना हल्के में ले रहे हैं कि बंदरों को पकड़ने के लिए उनके द्वारा कोई अभियान नहीं चलाया गया है। वहीं नगर के लोगों का कहना है कि बंदरों को पकड़ने के लिए कई दफा प्रशासन के अधिकारियों से मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई अभियान नहीं चलाया गया है।
एक सप्ताह में 5 लोगों को किया घायल
पिछले सात दिन में बंदरों के द्वारा नगर में 5 लोगों को घायल किया जा चुका है, वहीं जुम्मापुरा में एक महिला को धूप लेते समय छत पर बंदर आकर चेहरे पर थप्पड़ मारे। इस प्रकार की घटना उक्त महिला के साथ कई बार हो चुकी है। अब महिला छत पर धूप में बैठने से भी घबराने लगी है।
मेरे पास अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। यदि कोई पीड़ित है तो वह जानकारी दे। पीड़ित को इलाज के साथ ही राहत राशि का भी प्रावधान है।
राजेश चौहान, रेंजर आष्टा