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बालाघाट में शांतिपूर्ण तरीके से निकली पूर्व जिला पंचायत सदस्य की शव यात्रा

पूर्व जिला पंचायत सदस्य व बब्बर सेना प्रमुख डाली दमाहे की मौत के बाद से ही तनाव का माहौल निर्मित हो गया था जो रात के समय लाठीचार्ज व पत्थर बाजी में तब्दील गया। हालांकि शुक्रवार की सुबह से ही आसपास के क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा और पुलिस बल सुरक्षा के लिहाज से तैनात रहा। जिसके बाद करीब 12 बजे पीपल चौक कोसमी से उनकी शव यात्रा निकाली गई जो बंदरझिरिया पहुंची जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य की शव यात्रा में लोगों का सैलाब उमड़ पडा था। इस दौरान समाज के पदाधिकारियों ने इस हत्या में लिप्त समस्त आरोपितों को तत्काल ही पकड़ने की मांग की है अन्यथा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

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ऐसे हुआ था विवाद : 28 फरवरी को शिव बरात के दौरान डाली दमाहे व ललित पारधी के बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई थी। जिसके बाद रात करीब 11.30 डाली दमाहे अपने घर पहुंचे और मंदिर में आराम कर रहे थे तभी संजीव भाउ अग्रवाल समेत अन्य लोग पहुंचे और यहां पर उन्होंने उसके ऊपर धारदार हथियार से हमला कर दिया। बीच बचाव करने पहुंचे एक युवक के साथ भी मारपीट की गई और मारपीट करने वाले मौके से फरार हाे गए।

हालत गंभीर होने पर किया गोंदिया रेफर : जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती डाली दमाहे की हालत गंभीर होने की स्थिति में एक मार्च की शाम उन्हें गोंदिया रेफर कर दिया गया था और इसी दौरान समाज के लोग एकजुट होकर जानलेवा हमला करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी को लेकर एकजुट हो गए थे। जिसके चलते ही पुलिस ने अस्पताल में भी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।

तीन मार्च को उपचार के दौरान हुई मौत : गोंदिया के अस्पताल में तीन मार्च को दोपहर बाद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष की मौत की खबर बालाघाट पहुंची और देखते ही देखते पीपल चौक कोसमी, नवेगांव, गोंगलई समेत अन्य स्थानों पर लोगों की भीड़ जमा होना शुरू हो गई और जैसे ही रात करीब नौ बजे शव को बालाघाट लाया गया लोगों का हुजूम भी उमड़ गया।

भीड़ को नियत्रंण के लिए करना पड़ा लाठीचार्ज, लोगों ने किया पथराव : शुक्रवार की रात शव यात्रा के दौरान उमड़ी भीड़ को काबू में करना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा था जिसके चलते पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने हल्का बल का प्रयोग किया तो भीड़ इससे नाराज हाे उठी और आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर ही पथराव शुरू कर दिया जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले का उपयोग करना पड़ा जिसके बाद और भी सुरक्षा बल को बढ़ाकर मामले को काबू में लिया गया।

दो पुलिसकर्मी हुए गंभीर रूप से घायल : भीड़ द्वारा किए गए पथराव में सीएसपी अपूर्व भलावी के हाथ व सीने में चोट आने के साथ ही थाना प्रभारी केएस गहलोत को भी चोट आई है। इसके साथ ही कोतवाली थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक अजय अकेला व किरनापुर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक तोपेश कावरे को गंभीर चोट आने के कारण उन्हें इलाज के लिए मेडिकल रेफर कर दिया गया है।

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