भोपाल में शापिंग कॉम्पलेक्स बनाने काट दिए पार्क में लगे एक दर्जन से ज्यादा पेड़
राजधानी के तुलसी नगर इलाके में नगर निगम अपना मुख्यालय भवन ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बना रहा है। आयुक्त ने अफसरों को हिदायत दी है कि निर्माण के चलते एक भी पेड़ न कटने पाए। वहीं कोलार स्थित ओम नगर में शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाने को निगम ने एक दर्जन से ज्यादा हरे पेड़ों को काट दिया। शिवाजी पार्क की जमीन पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण के विरोध में स्थानीय रहवासी लामबंद हो गए। मामले ने तूल पकड़ा तो क्षेत्रीय विधायक मौके पर पहुंचे और काम रुकवा दिया।
गौरतलब है कि निगम शहर शहर में अपनी खाली जमीनों और पुरानी इमारतों की जगह शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनवा रहा है। वर्तमान में न्यू मार्केट, बैरागढ़, लक्ष्मी टॉकीज, बाल विहार, शाहजहांनाबाद पुरानी वर्कशॉप, आरिफ नगर और रातीबढ़ सहित एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण चल रहा है। इसी कड़ी में रविवार से कोलार स्थित ओम नगर में पार्क के लिए छोड़ी गई जगह पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण शुरू किया गया। इसके लिए एक दर्जन से ज्यादा हरे पेड़ों को काट दिया गया। स्थानीय रहवासियों ने इसका विरोध किया। पेड़ कटाई और विरोध का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवा दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्क की जमीन पर कॉम्पलेक्स नहीं बनेगा। लेकिन, स्थानीय रहवासियों का सवाल है कि पांच से दस साल पुराने जो हरे-भरे पेड़ काटे गए, उस पर क्या कार्रवाई की जाएगी। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
अचानक आए और काट दिए पेड़
पेड़ कटाई के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करने वाले आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे अचानक ठेकेदार के लोग ओम नगर पहुंचा और पार्क के लिए आरक्षित 3 बाय 75 वर्ग फीट की खाली जमीन की नापजोख शुरू कर दी। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही यहां लगे पेड़ों को काटना शुरू कर दिया और देखते ही देखते एक दर्जन से ज्यादा पेड़ों को काट दिया गया। स्थानीय रहवासियों ने विरोध किया, तो बताया गया कि यहां शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है। पेड़ काटने की हमारे पास परमिशन है। लोगों ने विरोध किया तो जवाब मिला कि निगम अधिकारियों से बात करें, हमें जो काम कहा गया है, हम वह कर रहे हैं। इसके बाद रहवासी इकट्ठा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि तब तक पेड़ों को काटने के साथ ही यहां कॉम्पलेक्स के पिलर्स बनाने के लिए गड्ढे खोदे जा चुके थे।