जनसुनवाई में भड़कीं महिला आयोग अध्यक्ष
भोपाल में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर महिलाओं से संबंधित मामलों की जनसुनवाई में शामिल हुईं। बैठक में भोपाल कमिश्नर संजीव सिंह, भोपाल आईजी और पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी मिश्रा की गैर-मौजूदगी को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई।
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह भी प्रोटोकॉल अटैंड कर एक अन्य मीटिंग में बाहर जाना चाह रहे थे। रहाटकर ने कहा कि हमारी किसी भी सुनवाई में आईजी-कमिश्नर मौजूद रहते हैं। यहां पहली बार ऐसा हो रहा है कि दोनों अफसर नहीं आए।
बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग ‘आपके द्वार’ कार्यक्रम कर रहा है। इसके अंतर्गत जनसुनवाई के माध्यम से शिकायतें सुनी जा रही हैं। जनसुनवाई में महिलाओं के लंबित मामलों के समाधान और उनके मुद्दों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।
प्रदेशभर से 30 गंभीर मामलों में सुनवाई जनसुनवाई पुराने सचिवालय में दोपहर 1 बजे शुरू हुई। इसमें प्रदेश के 30 गंभीर मामलों पर सुनवाई की जा रही है। साथ ही भोपाल और आस-पास के जिलों से आने वाली 90 से 100 शिकायतें भी सुनी जा रही हैं। बैठक में जिला प्रशासन के साथ पुलिस अफसर मौजूद हैं। इन मामलों में त्वरित निराकरण करना है।
महिला आयोग की अध्यक्ष बोलीं-
बैठक में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि किसी भी स्थिति में महिला के साथ अन्याय नहीं होने देना है।
- अगर समझौते की स्थिति बने: अगर किसी मामले में शिकायत के बाद समझौते की स्थिति बनती है, अथवा महिला शिकायत से पीछे हट रही है, तो भी पुलिस को ऑब्जर्व करते रहना चाहिए।
- महिला शिकायत वापस लें तो: कई बार महिलाओं द्वारा शिकायत के बाद सेटलमेंट होने की बात की जाती है और शिकायत वापस ली जाती है। इसके लिए वह आयोग में और पुलिस को लिखित में भी दे देती हैं। पुलिस को यह जांच करना है कि कहीं किसी तरह के दबाव में तो महिला ने लिखित में शिकायत वापस नहीं ली है।
औरंगाबाद की महापौर रह चुकी हैं विजया राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर इससे पहले 2016 से 2021 तक महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और 2007 से 2010 तक छत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद) की महापौर भी रह चुकी हैं। पुणे यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएट और इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट विजया को महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए राष्ट्रीय कानून पुरस्कार और राष्ट्रीय साहित्यिक परिषद से सावित्री बाई फूले पुरस्कार मिल चुका है