सीएम यादव का करीबी बनकर कर रहा था ठगी
खुद को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का करीबी बताकर एक युवक पहले तो सीएम हाउस विंध्य कोठी तक पहुंच गया। इसके बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर जैसे पदों पर ट्रांसफर और पोस्टिंग दिलाने का झांसा देकर ठगी करने लगा। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, उसने कितने लोगों और कितनी ठगी की है, इसकी जांच चल रही है। आरोपी खुद को संघ के साथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी का भी करीबी बता रहा था। आरोपी 10वीं फेल है।
दरअसल, 13 दिसंबर को मोहन यादव सीएम पद की शपथ ले रहे थे। इसी दौरान इंदौर के केसर बाग रोड निवासी नवीन सिंह राठौर खुद को उनका और भाजपा के बड़े नेताओं का करीबी बताते हुए विंध्य कोठी तक पहुंच गया। इसी दौरान पुलिस ने जब सीएम के करीबियों के नाम पूछे तो उसने एक रजिस्टर में कुछ लोगों के नाम लिखकर दिए थे। इससे पुलिस को भी लगा कि वह सीएम का करीबी है। लेकिन बाद में वह लोगों से ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने, सरकारी टेंडर दिलाने, विवादित जमीनों पर कब्जा दिलाने, पार्टी में पद दिलाने आदि के नाम से ठगी करने लगा। इस प्रकार की कई शिकायतें सीएम तक पहुंची थीं। जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
भाजपा-कांग्रेस दोनों में अपने करीबी बताए
आरोपी नवीन ने अपने बयान में कहा है कि वह इंदौर में मसालों के साथ ड्रायफ्रूट की दुकान चलाता है। वह 1998 से 2007 तक संघ का प्रचारक रहा है। उसके मामा व अन्य रिश्तेदार भी संघ से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा 2008 में वह जीतू पटवारी से जुड़ा था। उसने 1 जनवरी को भोपाल के होटल में बेरोजगार शिक्षक संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात कर शिक्षकों की नियुक्ति की बात की थी।
ऐसे-ऐसे झांसे
- नवीन ने 3-4 शिक्षकों की नियुक्ति मंत्रालय से कराने का झांसा दिया था। इसके अलावा एक महिला की नगर निगम इंदौर में नौकरी लगवाने की बात की थी।
- जनजाति विभाग के एक कर्मचारी की नौकरी चली गई थी, कोर्ट से केस जीतने के बाद भी उसकी नौकरी वापस नहीं लग रही थी। तब मंत्रालय के एक अधिकारी से सीईओ को फोन कराया था।
- नवीन ने भोपाल में 59 एकड़ विवादित जमीन राजस्व विभाग से छुड़वाने के लिए भी बात की थी।
- जैत, बुदनी निवासी एक व्यक्ति ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बनवाने के लिए भी उससे बात की थी। नवीन ने दावा किया है कि भोपाल संभागायुक्त को इंदौर संभागायुक्त बनाने की भी बात हुई थी।