लांजी से भाजपा विधायक राजकुमार कर्राहे ने बिना डिग्री-डिप्लोमा के इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन का विरोध किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसे लोगों पर छापामार कार्रवाई हुई ताे मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। इसके परिणाम भुगतने होंगे।
दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार ने 15 जुलाई को एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘गैर मान्यता वाले व्यक्तियों और गांव-गांव में प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप लोगों को नियंत्रित करने के लिए सख्ती से कार्रवाई की जाए।’
इस आदेश के बाद बालाघाट जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आई। एसडीएम प्रदीप कौरव, बीएमओ प्रदीप गेडाम और टीम ने विशेषज्ञ पैथालॉजिस्ट के बिना चल रही दो पैथोलॉजी लैब और बिना अनुमति ऐलोपैथिक दवा लिख रहे दो क्लिनिक को नोटिस जारी कर दिया।
नोटिस के बाद गांवों में प्रैक्टिस कर रहे ऐसे 100 डॉक्टर और पैथोलॉजिस्ट मंगलवार को विधायक कर्राहे के निवास पर पहुंचे। उन्होंने कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। उनसे बातचीत के बाद कर्राहे ने सरकार के आदेश के खिलाफ यह बात कही।
सरकारी भर्तियों में धांधली का आरोप भी लगाया था
इससे पहले 13 जुलाई को विधायक कर्राहे ने आउटसोर्सिंग के जरिए की जा रही सरकारी भर्तियों में धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि रोजगार पाने के लिए नौजवानों को रिश्वत देनी पड़ रही है। इतना ही नहीं, जब नौकरी मिल जाती है तो उसमें भी पूरी तनख्वाह नहीं देते। बतौर कमीशन हर महीने एक फिक्स रकम काटते रहते हैं।

बिना डिग्री-डिप्लोमा इलाज करने वाले लोगों ने विधायक से मिलकर कार्रवाई रोकने की मांग की थी।
बोले- सीएम से चर्चा करूंगा कि कार्रवाई न हो
विधायक ने बिना डिग्री-डिप्लोमा इलाज करने वालों से कहा, ‘मेरी बात कलेक्टर से हो गई है। अब छापामार कार्रवाई किसी पर नहीं होगी। जब एसडीएम और बीएमओ छापा मारने के लिए गए थे, तब भी मैंने उन्हें कहा था कि अगर ऐसा किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।’
विधायक यहीं नहीं रुके, उन्होंने सरकार के आदेश के ठीक उलट झोलाछाप इलाज करने वालों की प्रशंसा की। कहा- आप लोग गांव-गांव में लाखों जिंदगियां बचा रहे हैं। कोरोनाकाल में आपकी सेवा अद्भुत रही है। आपने विषम परिस्थिति से देश को बाहर निकालने का काम किया है। हम आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। मैं मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा कि किसी झोलाछाप इलाज करने वाले पर कार्रवाई न हो।