भोपाल में किन्नर समाज ने भुजारिया पर्व बड़े धूम धाम से मनाया
भोपाल में भुजरिया पर्व पर भोपाल में किन्नर समाज का पारंपरिक जुलूस निकला। इस बीच रंगारंग अंदाज में ढोल बाजे के साथ नाच गाने की प्रस्तुति हुई। पुराने शहर के कई इलाकों से निकलने वाले इस जुलूस में देश के अलग अलग जगहों से आए किन्नर शामिल हुए। बॉलीवुड थीम पर किन्नर सजधज कर निकले थे। जिसमें कुछ कैटरीन कैफ तो कोई करीना या एश्वर्या राय की गेटअप में नजर आए।
इस दौरान किन्नर गुरु सुरैया सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहीं। कई किन्नर राखी सावंत कंगना रणावत के रूप में भी नजर आए। सिर पर भुजरिया लेकर चलती किन्नरों को देखने लोगों की भीड़ जमा हो गई। मंगलवारा की मुस्कान, महक, पल्लवी, पूनम, नानू आदि किन्नरों ने आकर्षक वेशभूषा में सोने चांदी के जेवरात से सज संवर कर नृत्य कर लोगो की वाहवाही बटोरी।
गुफा मंदिर में हुआ जुलूस का समापन
पीर गेट के बाद विभिन्न मार्गों से होते हुए बुधवारा व मंगलवारा के किन्नरों का ये जुलूस गुफा मंदिर पहुंचा, जहां पर विसर्जन कुंडों में भुजरियों को विसर्जित किया गया। काफी वजनी सोने के आभूषण पहनकर आईं कई किन्नर लोगो के आकर्षण का केंद्र बनी रही। बता दें कि मंगलवारा व बुधवारा की किन्नरों की और से रक्षाबंधन के दूसरे दिन भुजरिया जुलूस निकालने की परंपरा नवाबी शासन काल से शुरू हई थी, जो अब तक बनी हुई है।
दिल्ली-मुंबई के किन्नरों ने भी लिया भाग
जुलूस में मध्यप्रदेश के भोपाल के अलावा इटारसी, गुना, इन्दौर, उज्जैन, रतलाम समेत कई अलग-अलग शहरों से किन्नर समाज के लोग भोपाल पहुंचे थे। इसके अलावा दिल्ली और मुम्बई के अलावा महाराष्ट्र के अन्य शहरों से भी भोपाल पहुंचे।
क्या होता है भुजरिया
रक्षाबंधन के कुछ दिन पहले गेहूं के दानों को टोकरी में बोकर रख देते हैं। जिससे कुछ दिन में ही इनमें गेहूं के छोटे-छोटे पौधे आ जाते हैं। इसके बाद उन पौधों को भुजरिया वाले दिन तोड़कर पहले भगवान को चढ़ाया जाता है। उसके बाद सभी बड़े लोग अपनों से छोटों के कानों में लगाकर आर्शीवाद देते हैं। फिर उम्र में छोटे लोग बड़ों के पैर छूकर या फिर भुजरिया बदलकर आर्शीवाद लेते हैं। और साल भर हुई गलतियों के लिए माफी मांगते हैं। किन्नर परंपरा के मुताबिक ये लोग अपने स्थान से निकलते हैं और अपने सिर पर भुजरिया (गेहूं के घास जैसे पौधे) रखकर निकलते हैं। उसके बाद इनका विसर्जन कर देते हैं।