दो युवकों से मिले वेस्टर्न रेलवे के फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर
नौकरी दिलाने के नाम पर रेलवे के फर्जी दस्तावेजों (नियुक्ति पत्र) के साथ पकड़ाए पन्ना व शहडोल के दोनों युवक रतलाम के एक व्यक्ति के लिए काम करते हैं। दोनों का काम फर्जी नियुक्ति आदेश तैयार करना है। प्रकाश लोधी 12वीं पास है, तो विमलेंद्र मिश्रा कम्प्यूटर साइंस में बीएससी पास है। पकड़ाए दोनों युवक में से एक पूर्व में भोपाल सेंट्रल जेल में रतलाम के व्यक्ति के साथ सजा काट चुका है। एक युवक की जेल में रहने के दौरान दोस्ती हुई थी।
रतलाम की थाना स्टेशन रोड पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर डाट की पुल स्थित होटल सागर केटल से दो युवकों को पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम प्रकाश (30) पिता जगतप्रसाद लोधी निवासी ग्राम खेरो थाना रेपुरा जिला पन्ना हाल मुकाम गुलमर्ग मार्ग बिचोली मरदाना इंदौर है तो दूसरा विमलेंद्र कुमार (36) पिता सूर्यकांत मिश्रा निवासी खुदरी रोड शहडोल बताया।
तीन अलग-अलग आधार कार्ड में एक ही का फोटो
पुलिस के अनुसार दोनों युवक सोमवार से होटल सागर केटल के रुम नं. 207 में रुके हुए थे। जब इनके पहचान के दस्तावेज जांचे गए तो प्रकाश लोधी के पास अलग-अलग तीन आधार कार्ड मिले। तीनों आधार कार्ड पर प्रकाश लोधी का फोटो लगा हुआ था। लेकिन एड्रेस अलग-अलग था। एक आधार कार्ड पर खुद प्रकाश लोधी के नाम के साथ पन्ना का एड्रेस था।
दूसरा दीपक ठाकुर निवासी सिपरी बाजार झांसी के नाम से तो तीसरा आधार कार्ड अभिषेक गरासिया के नाम से झांकी का एड्रेस का था। जिसे पुलिस ने कुटरचित दस्तावेज तैयार करना माना। मंगलवार रात पुलिस ने इन दोनों को पकड़ा। थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा ने दोनों से पूछताछ की। बुधवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से एक दिन का पीआर मिला।
अलग-अलग रेल मंडल के नियुक्ति आदेश मिले
पुलिस ने जब दोनों के बैग की तलाशी तो विमलेंद्र मिश्रा के बेग से एक काले रंग का डेल कंपनी का लेपटॉप एक पेन ड्राइव लगा हुआ मिला। लेपटॉप में चेक करने पर रेलवे नामक फोल्डर में रतलाम मंडल पश्चिम रेलवे के ग्रुप सी एवं डी के 16 नियुक्ति आदेश मिले। जिसमें नियुक्त होने वाले का नाम पता पूरा नहीं था? पुलिस को शंका हुई कि यह तो फर्जी आदेश है। उसी फोल्डर में एक टीटी के पद का नियुक्ति आदेश वेस्टर्न रेलवे प्रबंधक अहमदाबाद एवं एक खलासी का नियुक्ति आदेश पत्र वेस्टर्न रेलवे प्रबंधक बड़ोदरा का मिला। वह भी पुलिस को पूरी तरह से फर्जी लगा।
तीन रेल मंडल के मिले दस्तावेज
पुलिस को प्रकाश लोधी के बेग से अलग-अलग रेलवे मंडलो के 16 कार्यालय आदेश जो विभिन्न पदों पर नियुक्ति से संबंधित थे वह मिले। इसके साथ रेलवे से संबंधित अलग-अलग प्रकार के 20 दस्तावेज अन्य मिले। सभी दस्तावेज देखने पर फर्जी थे। पुलिस ने माना कि उक्त दोनों व्यक्तियों के पास से प्राप्त दस्तावेज से स्पष्ट है कि दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। जो नियुक्ति पत्र व अन्य दस्तावेज मिले वह रतलाम रेल मंडल, वड़ोदरा रेल मंडल व अहमदाबाद रेल मंडल के है। इन सबके नियुक्ति आदेश पर वेस्टर्न रेलवे चर्च गेट मुख्यालय की सील लगी हुई है।
इन धाराओं में किया केस
थाना स्टेशन रोड पुलिस ने उक्त दोनों युवकों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) में केस दर्ज किया है। पुलिस से इनसे पूछताछ कर रही है। रतलाम के साथी की तलाश की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि केस दर्ज करने के बाद पीड़ितों के सामने आने की उम्मीद है।
5 से 10 लाख की होती थी डील
पुलिस के अनुसार पकड़ाए गए दोनों युवकों का रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करने में उपयोग किया जाता है। पूछताछ में सामने आया कि रतलाम के विनोबा नगर में रहने वाला विक्रम बाथव लोगों को रेलवे में नोकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता है। 5 से 10 लाख रुपए लेकर नोकरी दिलाने का वादा किया जाता है। पुलिस गिरफ्त में आए दोनों युवक विक्रम द्वारा भेजे गए युवकों के नियुक्ति पत्र तैयार करता है। बकायदा रेलवे की सील लगाई जाती है।
पूछताछ में सामने आया कि 24 सितंबर को रतलाम रेल मंडल कार्यालय के दूसरी मंजिल पर जबलपुर की एक दपंति को बुलाकर विकलांग कोटे में भर्ती का नियुक्ति आदेश दिया है। दपंति से 20-20 हजार रुपए लिए है। लेकिन उन्हें कोई नियुक्ति नहीं मिली है। वहीं दोनों युवकों से दस्तावेज तैयार कराने के एवज में 5 से 10 हजार रुपए दिए जाते थे।
भोपाल जेल में हुई मुलाकात
थाना स्टेशन रोड के सब इंस्पेक्टर प्रेमसिंह हटिला ने बताया दोनों युवकों से पूछताछ की तो रतलाम के विनोबा नगर में रहने वाले विक्रम बाधव के लिए काम करना बताया। विक्रम बाथव रतलाम के रेलवे इंस्टीट्यूट में बॉस्केटबॉल का कोच बताया जाता है। पूर्व में रेलवे में नोकरी दिलाने के नाम पर यह कई लोगों से ठगी कर चुका है। एसटीएफ भी इसे पकड़ कर ले जा चुकी है।
पुलिस के अनुसार 18 माह भोपाल की सेंट्र्ल जेल में भी यह बंद रह चुका है। बाद में जमानत पर बाहर आ गया। जेल में बंद रहने के दौरान प्रकाश लोथी से मुलाकात जेल में हुई थी। विक्रम के खिलाफ मंदसौर के कोतवाली में रेलवे में नोकरी दिलाने के नाम पर ठगी का केस दर्ज है। पुलिस अब विक्रम बाथव इसकी तलाश में जुट गई।
अब रेलवे को लिखेंगे पत्र
पुलिस को शंका है कि नोकरी दिलाने के इस फर्जी खेल में रेलवे का भी कोई ना कोई अधिकारी शामिल है। पुलिस अब रतलाम रेल मंडल को पत्र लिखेगी। दोनों युवकों से जब्त नियुक्ति पत्र को भी वेरिफाई कर पता कर जांचेगी की यह रेलवे ने नियुक्ति के ऐसे कोई आदेश जारी करे है या नहीं?
फर्जी नियुक्ति पत्र मिले है-एएसपी
एएसपी राकेश खाखा ने बताया होटल से दो संदिग्ध युवकों को पकड़ा है। जांच की तो आधार कार्ड में गलती पाई। रेलवे के नियुक्ति पत्र मिले। रेलवे में नोकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते आए है। सारे तथ्यों को जांच कर रहे है। जो भी इसमें शामिल होगा उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।