इंदौर से पकड़ाया चोरी का सोना गलाने वाला युवक:60 लाख की चोरी-डकैती में CG पुलिस का खुलासा; खरीदने वाला व्यापारी और मध्यस्थ फरार
छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने चोर-डकैत गिरोह से सोना लेकर गलाने वाले युवक राजेंद्र कटार (22) को इंदौर से गिरफ्तार किया है। वह अलीराजपुर का निवासी है और वर्तमान में राजाबाग इंदौर में रह रहा था। उसके पास से 50 लाख के सोने-चांदी की सिल्ली बरामद हुई है। जिसमें 600 ग्राम सोना और 340 ग्राम चांदी है। वहीं, पुलिस काे एक सोना गलाने की मशीन भी मिली है।
राजेंद्र कटार ने पुलिस को बताया कि वह इंदौर के व्यापारी कपिल जैन के लिए काम करता है। वह उसे 500 रुपए रोज देता है। कपिल ने ही उसे सोना-चांदी गलाने की मशीनें दी हैं। इन्हीं मशीनों में उसने दुर्ग से डकैती कर लाया गया सोना गलाया था। कार्रवाई से पहले एक अन्य आरोपी आशीष पटलिया फरार हो गया।
राजेंद्र ने बताया कि किस तरह चलता है सिंडिकेट
पूछताछ में राजेंद्र कटार ने पुलिस ने को बताया कि, आशीष पाटलिया कपिल जैन का एजेंट है। वो उसी के लिए काम करता है। भंगुडावर, जगदीश मोहनिया, भूरसिंह दीपक सेंगर, अनिल चौहान, अनिल बघेल, गणपत डावर और अन्य साथ चोरी-डकैती करते हैं।
इसके बाद सोने-चांदी के जेवरों को कपिल जैन तक पहुंचाया जाता है। कपिल के कहने पर गहनों को गलाकर उसकी सिल्ली बनाई जाती थी। आरोपी राजेंद्र की निशानदेही पर पुलिस ने आशीष पटलिया के छुपने वाले संभावित ठिकाने पर छापेमारी की। इस दौरान टीम धार के अमझेरा गांव भी पहुंची। लेकिन, आरोपी वहां से भाग निकला।
परिवार को बंधक बनाकर जून में हुई थी डकैती
दरअसल, दुर्ग में 8 जून 2024 को गनियारी रोड रसमड़ा निवासी दिलीप टिंबर ने FIR दर्ज कराई। जिसमें बताया कि 5 डकैतों ने उन्हें और उनकी पत्नी को बंधक बनाकर 35 तोला सोना चुरा लिया है। इसके अलावा दुर्ग में एक अन्य चोरी की घटना हुई थी। दोनों मामलों में करीब 60 लाख रुपए के जेवरात और नकदी चोरी हुई थी।
आरोपियों की तलाश में विशेष टीम गठित की गई। टीम ने पहले 3 आरोपी जगदीश उर्फ काला भाया, भंगूडावर तथा नूरसिंह चौहान को धार से गिरफ्तार किया। अन्य आरोपी दीपक सेंगर, अनिल चौहान, अनिल बघेल, गणपत हावर की तलाश की जा रही थी। इस बीच पता चला कि चोरी डकैती के दोनों मामलों को एक ही गिरोह ने अंजाम दिया है।
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे चोरी और लूट का सोना राजेंद्र कटार को देते थे। वह अलीराजपुर के ही आशीष पटलिया के साथ इंदौर के व्यापारी कपिल जैन को गला हुआ सोना देता था।
आरोपियों का इंदौर और अलीराजपुर कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस की टीम ने इंदौर के अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र की गुरुनानक कॉलोनी के नजदीक करीब 4 महीने तक राजा बाग में डेरा डाला और यहां से धार, अमझेरा, अलीराजपुर और झाबुआ में जाकर आरोपियों की सर्चिंग की।
एसआईटी का किया था गठन
दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि मामले में एसआईटी का गठन किया गया था। जांच में पता चला कि दोनों वारदातों को एक ही गिरोह ने अंजाम दिया है। यह गिरोह मध्यप्रदेश के धार जिले से हैं।जिसके बाद एक टीम को धार, झाबुआ और अलीराजपुर जिले में कैंप कराया गया। डकैती करने वालों का एक गिरोह का सुराग मिला। इनका माल व्यापारी कपिल जैन खरीदता है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि कपिल जैन और आशीष पटलिया अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र की गुरुनानक कॉलोनी स्थित राजा बाग में रहते हैं। पुलिस ने जब इनके घर पर छापा मारा तो कपिल जैन और आशीष पटलिया भाग गए। जबकि राजेंद्र कटार पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
गिरोह में ये आरोपी हैं शामिल
दुर्ग में चोरी और डकैती से काफी सोने-चांदी के गहने मिले थे। इसे आशीष पटलिया ने कपिल जैन को बेचा था। पुलिस ने जब कपिल और आशीष के बारे में जानकारी जुटाई, तो पता चला कि आशीष गुरू-नानक कॉलोनी राजाबाग इंदौर में छुपकर रह रहा है। एसपी ने क्राइम डीएसपी हेम प्रकाश नायक को एसीसीयू की टीम के साथ वहां भेजा। नायक और उनकी टीम आशीष के घर तक पहुंची।
आशीष भागा, राजेंद्र पकड़ाया
आरोपियों से पुलिस ने कहा कि, यहां एक मेला लगने वाला है। जिसमें वो भी आएंगे। इसलिए एक महीने के लिए किराए से मकान चाहिए। इससे पहले की पुलिस आशीष को पकड़ पाती वो भाग गया। लेकिन उसका साथी राजेंद्र कटार को पुलिस ने धर दबोचा।
दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया
आशीष पटलिया की इंदौर के थानों और पुलिस वालों से अच्छी पकड़ है। दुर्ग पुलिस उसके बारे में थाने पूछताछ करने पहुंची थी। किसी ने टीम के लोगों की फोटो खींचकर आशीष को भेज दिया और बता दिया कि दुर्ग पुलिस उन लोगों को खोज रही है। इसलिए टीम के पहुंचते ही वह भाग गया।