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जबलपुर में मटर के नकली बीज पर कार्रवाई

जबलपुर में मटर के मिलावटी और फर्जी ब्रांडिंग फर्म पर कार्रवाई करते हुए कृषि विभाग ने थाने में मामला दर्ज करवाया है। तेलंगाना की एक नामी कंपनी के नाम से करमेता के पास एक दुकान में खंडवा से मंगाए गए मटर के बीज की पैकिंग कर किसानों को बेचने की तैयारी की जा रही थी। जानकारी मिलते ही कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंची और खाली पैकेट, बीज बरामद किए।

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जांच के दौरान एक-एक किलोग्राम के 10 हजार से ज्यादा खाली पैकेट मिले। जो तेलंगाना की प्रतिष्ठित कंपनी के नाम के थे। जिसमें मटर के बीच पैकिंग किए जा रहे थे। कृषि विभाग की शिकायत पर माढ़ोताल थाना पुलिस ने रवि कुमार, ममता सेन और आलोक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कृषि विभाग के उपसंचालक एसके निगम ने बताया, बीज निरीक्षक समय-समय पर दुकानों का निरीक्षण करते रहते हैं। पनागर विकासखंड के निरीक्षक पंकज शर्मा के द्वारा बुधवार को मेसर्स एनएसआरएस सेल्स प्राइवेट लिमिटेड की जांच की गई तो वहां पर करीब 13 लाख रुपए की कीमत का मटर मिला, इसके अलावा मौके से 10 हजार मटर के बीज के खाली पैकेट और 3700 एक-एक किलोग्राम के भरे पैकेट मिले।

बीज अनु श्री सीड कॉर्पोरेशन खंडवा से मंगाया गया था। इसके पैकेट पर एनएसआरएस सेल्स प्राइवेट लिमिटेड मलकाजगिरी तेलंगाना अंकित था और इसी नाम से बाजार में बेचा जा रहा था। बीज निरीक्षक ने जांच के दौरान यह भी पाया कि खंडवा से मंगाए गए मटर बीच को तेलंगाना की प्रतिष्ठित कंपनी के नाम से जबलपुर के किसानों को बेचकर उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है। बीज निरीक्षक की रिपोर्ट पर उप संचालक ने कलेक्टर को प्रतिवेदन सौंपा। जिसके बाद माढ़ोताल में एफआईआर दर्ज की गई।

उपसंचालक एसके निगम का कहना है कि खंडवा से जो मटर के बीज मंगवाए गए थे। उन बोरों में लॉट एवं बैच नंबर नहीं थे, जबकि जो पैकेट पैक किए जा रहे थे, उसमें तेलंगाना की कंपनी का नाम लिखा हुआ था। जांच में यह पता चला कि किसान कल्याण एवं कृषि विकास के द्वारा जारी किए गए लाइसेंस विक्रय मार्केटिंग के लिए है, ना कि पैकिंग के लिए।लिहाजा किसानों के साथ धोखाधड़ी के मामले में सीड एक्ट 1968, सीड कंट्रोल ऑर्डर 1983, कॉपीराइट एक्ट और 118 धारा के तहत कंपनी के प्रोपराइटर रवि कुमार, मैनेजर ममता सेन और प्रतिष्ठान के व्यवस्थापक आलोक सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

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