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जबलपुर में कोरोना ने टाली परिंदों की गिनती

जबलपुर स्मार्ट सिटी के साथ पर्यावरणविद् और पक्षी विशेषज्ञ शहर में परिंदों की गिनती करने वाले थे लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने उनके काम में रुकावट डाल दी। जनवरी 2022 में यह काम किया जाना था। इसके लिए सभी पर्यावरणविदों को भी आंमत्रित किया गया था लेकिन कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही कार्यक्रम को मार्च तक के लिए टाल दिया गया है।

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पक्षी विशेषज्ञ जगत फ्लोरा ने बताया कि जबलपुर के डुमना नेचर पार्क में यह गिनती शुरू होनी थी। करीब 30 से 40 लोगों के समूह बनाकर यह गिनती का कार्य किया जाना था। इसमें हर ग्रुप को इस दौरान जो भी पक्षी दिखाई देंगे वे उसका रिकार्ड तैयार करेंगे। जिसके आधार पर मौजूदा प्रजातियों की गणना की जाएगी। उनके मुताबिक भारत में पक्षियों की 1300 प्रजाति है ये सभी अलग-अलग जगह पर मिलती है। मप्र के अंदर 450 प्रजाति अभी तक चिन्हित हुई है। वहीं जबलपुर में यह आंकड़ा 355 के आसपास है। उन्होंने कहा कि अब फिर से गणना का काम किया जा रहा है। अक्टूबर से मार्च के बीच में विदेशी मेहमान परिंदों का भी आगमन होता है ऐसे में उनकी गणना भी हो पाएगी। जगत फ्लोरा ने कहा कि जबलपुर में 125 से ज्यादा विदेशी मेहमानों की प्रजाति आती है। यह संख्या पिछले कुछ सालों में कम हुई है इसकी वजह पर्यावरणीय क्षेत्रों में बढ़ता मानव दखल है। कई पेड़ विकास के नाम पर काटे जा रहे हैं। इसके अलावा जलीय क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ने की वजह से जलीय जीवों को भोजन की समस्या आ रही है। उन्होंने कहा कि अब मार्च माह में पक्षियों की गणना का काम किया जाएगा।

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