RTO जितेन्द्र शर्मा घूमते हैं लाखों रुपए की लग्जरी गाड़ियों में
मध्य प्रदेश सरकार को करना चाहिए जांच कहां से आई हाई-फाई लग्जरी गाड़ियां
सौरभ शर्मा की तरह भोपाल आरटीओ के खुलेंगे कई काले कारनामे
भोपाल आरटीओ कार्यालय में आरटीओ जितेंद्र शर्मा द्वारा सरकारी संपत्ति का उपयोग अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा रहा है, जो कि एक गंभीर मुद्दा है। सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह कानून के भी खिलाफ है। शासन द्वारा जनता की भलाई के लिए जो बैरिकेट्स स्थापित किए गए हैं, उनका उद्देश्य यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाना है। लेकिन अफसोस की बात है कि इन बैरिकेट्स का दुरुपयोग किया जा रहा है।

जितेंद्र शर्मा अपनी लग्जरी कार, टोयोटा हाई क्रॉस, को इन बैरिकेट्स के पास शान-ओ-शौकत से खड़ा कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका मुख्य उद्देश्य अपनी व्यक्तिगत सुविधाओं को बढ़ाना है। यह स्थिति न केवल सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग का एक उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे कुछ लोग अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकते हैं।

यहां यह भी विचारणीय है कि अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की कार का उपयोग करने की पात्रता क्या है। क्या यह उचित है कि सरकारी अधिकारियों को इस तरह की लग्जरी गाड़ियों का उपयोग करने की अनुमति हो? यह निश्चित रूप से एक जांच का विषय है।
इस प्रकार की लग्जरी कारों का उपयोग करना क्या वास्तव में पद के दुरुपयोग की श्रेणी में नहीं आता? क्या इसे भ्रष्टाचार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए? यह प्रश्न समाज के लिए महत्वपूर्ण है और हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सरकारी संपत्तियों का उपयोग केवल जनहित में होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए। इस मुद्दे पर गहन अनुसंधान और जांच की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों में उचित कार्रवाई की जा सके और सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग को समाप्त किया जा सके।
