बालपन से सदाचारी रही रिदम ने धर्म की ऐसी लय पकड़ी की महज 14 साल की उम्र में ही मोक्ष का मार्ग चुन लिया, अब वह 14 फरवरी को श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम में मुक्ति सागरजी के मार्गदर्शन में दीक्षा लेकर साध्वी बनेंगी। संयम पथ पर अग्रसर होने से पूर्व गुरुवार को रिदम ने परिवार के साथ अपने सांसारिक जीवन का आखिरी जन्म दिन मनाया। संसार और संन्यास के बीच के यह पल मुमुक्षिणी व स्वजन के लिए अनमोल थे। सभी ने पल-पल के आनंद का जमकर उत्सव मनाया।
हम बात कर रहे हैं महिदपुर निवासी विशाल व सोनाली कोचर की बेटी रिदम की, जो दस दिन बाद दीक्षा लेकर साध्वी बनने जा रही हैं। कोचर परिवार ने गुरुवार को रिदम का जन्म दिन मनाया। बैंड बाजों के साथ खुली कार में बालिका को आराधना भवन लाया गया। इस दौरान डांस मस्ती के साथ मंच पर प्रस्तुति सहित विभिन्ना् खेलों का आयोजन भी किया गया। माता व पिता बेटी के संयम पथ पर अग्रसर होने को लेकर खुश भी हैं और कम उम्र में बेटी की विदाई पर थोड़ा दुखी भी हो जाते हैं। पिता विशाल ने बताया रिदम बचपन से सदाचारी व धर्मप्रवर्त रही है। धीरे-धीरे वह इस मार्ग पर अग्रसर होती गई। बीते 8 वर्षों से वह संयम जीवन के अनेक सिद्धांतों का पालन कर रही है। इसमें गर्मजल का का सेवन, जमीकंद (आलू,प्याज,लहसुन) का त्याग कर रखा है।
दीक्षा के बाद बदल जाएगी दुनिया
14 फरवरी को दीक्षा के बाद रिदम की दुनिया बदल जाएगी, वह पैदल विहार, गोचरी, केश लोच जैसी कठिन तपश्चर्या करेगी। माता पिता व परिवार का साथ भी सांसारिक रूप से सदा के लिए छूट जाएगा।
दीक्षा महोत्सव में यह होंगे आयोजन
शत्रुंजय तीर्थ में 9 फरवरी से कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। सबसे पहले 10 फरवरी को मेहंदी लगेगी। पूजा के बाद 12 फरवरी को मुक्तिसागरजी महाराज का नगर प्रवेश होगा। 13 फरवरी को भव्य वर्षीदान वरघोड़ा निकलेगा। 14 फरवरी को दीक्षा दी जाएगी।