Tuesday, September 16, 2025
23.6 C
Bhopal

भोपाल गैस पीड़ितों के मुआवजे की सुनवाई 22 सितंबर को

भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों के मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट में 22 सितंबर को सुनवाई होगी। गैस संगठनों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजे गए हैं। नोटिस के बाद पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजे की उम्मीद जागी है।

यह जानकारी भोपाल में गैस पीड़ितों के चार संगठन के पदाधिकारियों ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में उनकी जनहित याचिका उन पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा दिलाने में सफल होगी, जिनकी चोटों को पहले गलत वर्गीकृत किया गया था। राज्य और केंद्र सरकार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 22 सितंबर तक जवाब देने को कहा है।

90% पीड़ितों को गलत वर्गीकृत किया प्रमुख याचिकाकर्ता संगठन भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की सदस्य नसरीन खान ने बताया, हमारी याचिका में हमने आधिकारिक जानकारी दी है। जिससे पता चला है कि कैंसर के लिए अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले 90% पीड़ितों को आपदा के कारण केवल मामूली या अस्थायी चोट लगने के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

क्रोनिक किडनी रोगों के लिए अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले 95% पीड़ितों की चोटों के संबंध में भी यही किया गया। हम न्यायालय से अनुरोध करते हैं, वह भारत सरकार को निर्देश दें कि ऐसे पीड़ितों की चोटों को स्थायी और अत्यंत गंभीर माने और उन्हें 5 लाख रुपए का मुआवजा दें।

भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने बताया, कैंसर और घातक किडनी रोगों से पीड़ित लोगों के साथ हुआ अन्याय, मुआवजे के मामले में भोपाल गैस पीड़ितों के साथ हुए अन्याय का एक स्पष्ट और सरल उदाहरण है।

यूनियन कार्बाइड के अपने दस्तावेज में कहा गया है कि भोपाल में रिसी गैस, मिथाइल आइसोसाइनेट के संपर्क में आने से स्थायी चोटें आती हैं। फिर भी भोपाल गैस पीड़ितों में से 95% को अस्थायी रूप से घायल के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

संगठन अभियान शुरू करेंगे भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने बताया, हम जागरूकता बढ़ाने और अन्य पीड़ितों के मामले में हादसे की वजह से पहुंची चोटों के इसी तरह के गलत वर्गीकरण को दर्ज करने के लिए एक अभियान शुरू कर रहे हैं।

भोपाल गैस कांड में अन्याय का पैमाना इतना बड़ा है कि जब तक पीड़ितों के समुदायों के स्वयंसेवक इस कार्य के लिए आगे नहीं आते, तब तक एक मजबूत मामला पेश करना संभव नहीं होगा।

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने युवाओं से इस अभियान में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि आज हमें आदर्शवादी युवाओं की जरूरत है, जो गैस त्रासदी से हुई चोटों के गलत वर्गीकरण के ठोस सबूत इकट्ठा कर सकें। हम जल्द ही इस गतिविधि के लिए एक वेबसाइट और एक ऐप विकसित करेंगे और समुदाय के स्वयंसेवकों को मुफ्त प्रशिक्षण देंगे।

Hot this week

15 सितंबर 2025 MP की फटाफट बड़ी खबरें

सतना। मरीजों के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में आए...

भोपाल के 30 इलाकों में कल बिजली कटौती

बिजली संबंधित जरूरी काम पहले से निपटा लें। ताकि...

SI धर्मेंद्र राजपूत को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया

इंदौर में लोकायुक्त पुलिस ने आजाद नगर में पदस्थ...

एक नवजात को आधी रात में किसी ने कचरे में फेंक दिया

इंदौर में एक नवजात को आधी रात में किसी...

Topics

15 सितंबर 2025 MP की फटाफट बड़ी खबरें

सतना। मरीजों के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में आए...

भोपाल के 30 इलाकों में कल बिजली कटौती

बिजली संबंधित जरूरी काम पहले से निपटा लें। ताकि...

एक नवजात को आधी रात में किसी ने कचरे में फेंक दिया

इंदौर में एक नवजात को आधी रात में किसी...

पानी भरे गड्ढे में डूबने से मासूम की मौत

बगदोरा स्थित एक गौशाला में बने गोबर और पानी...

पत्नी ने दो भाइयों के साथ मिलकर पति को उतारा मौत के घाट

टांडा के रसूलपुर-मुबारकपुर निवासी अनीस अहमद की उसकी पत्नी...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img